अब 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रित मिलेगा, 3.75 करोड़ लीटर पेट्रोल की जरुरत और कम होगी
राजस्थान में इको फ्रेंडली पेट्रोल: 15 फीसदी सम्मिश्रण पर 13.25 करोड़ लीटर पेट्रोल की कम थी जरूरत
एथेनॉल का मिश्रण बढ़ाने से विदेश से खरीद की आवश्यकता कम होगी। कंपनियों को अरबों रुपए सालाना बचेंगे।
जयपुर। राजस्थान में पेट्रोल में अब एथेनॉल की मात्रा को पांच फीसदी और बढ़ाकर पेट्रोलियम कंपनियों ने 20 फीसदी कर दिया है। कंपनियों ने इसकी सप्लाई पेट्रोल पंपों पर शुरू कर दी है। ऐसे में अब प्रदेश में हर साल 3.75 करोड़ लीटर और विशुद्ध पेट्रोल की खपत कम होगी। प्रदेश में इससे पूर्व पन्द्रह फीसदी एथेनॉल का सम्मिश्रण कर पंपों पर पेट्रोल सप्लाई किया जा रहा था। तब सालाना पेट्रोल की बचत 13.25 करोड़ लीटर थी। ऐसे में अब बीस फीसदी होने के बाद प्रदेश को हर साल कुल 17 करोड़ लीटर की खरीद कंपनियों को विदेशों से कम करनी पड़ेगी। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि प्रदेश में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाकर सप्लाई का प्रावधान बीते सप्ताह ही कंपनियों ने किया है। वर्तमान में 85 करोड़ लीटर पेट्रोल की सालाना खपत: प्रदेश में वर्तमान में वाहनों के लिए सालाना करीब 85 करोड़ लीटर पेट्रोल की आवश्यकता होती है। मोटे अनुमान के अनुसार देश में 85 फीसदी पेट्रोल की खरीद के लिए पेट्रोलियम कंपनियां विदेशों पर निर्भर है। एथेनॉल का मिश्रण बढ़ाने से विदेश से खरीद की आवश्यकता कम होगी। कंपनियों को अरबों रुपए सालाना बचेंगे।
एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल ये होंगे फायदे: वाहनों से निकलने वाला वायु प्रदूषण कम होगा। एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल से करीब 35 फीसदी कम कार्बन मोनोआॅक्साइड उत्सर्जित होगी। वहीं सल्फर डाई आॅक्साइड, हाइड्रो कार्बन और नाइट्रोजन आॅक्साइड का भी कम उत्सर्जन होगा। वायु प्रदूषण का यहीं गैसे मुख्य कारण होती है। - एथेनॉल की मात्रा पेट्रोल में जैसे-जैसे बढ़ाई जाती है, गाड़ी के चलने पर र्इंजन भी कम गर्म होता है। - एथेनॉल की खरीद के लिए विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। देश में ही इसे गन्ना और अनाज से फ्रग्मेंटेशन से बनाया जा सकता है। ऐसे में र्इंधन के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी।
देश को 1200 करोड़ से अधिक पेट्रोल कम चाहिए होगा: हाल ही में केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने इस साल के अंत तक देशभर में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण को 20 फीसदी तक करने की बात कही है। जानकारी के अनुसार पेट्रोल में एथेनॉल की इतनी मात्रा होने पर विदेशों से 1200 से 1300 करोड़ लीटर विशुद्ध पेट्रोल कम खरीदना पड़ेगा। जो सालाना अरबो डॉलर का फायदा देगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। वर्ष 2014 में मात्र 1.5 फीसदी एथेनॉल मिलाया जाता था। वर्तमान में देश में पेट्रोल में औसतन 12 फीसदी एथेनॉल मिलाये जाने लगा है।
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