पिछले साल की तुलना में 25 से 30 फीसदी बढ़ा कोटा में प्रदूषण
बोरखेड़ा पुलिया के नीचे का इलाका रहा सबसे अधिक प्रदूषित
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 210 पर पहुंचा।
कोटा। इस साल दीपावली पर्व पर हुई आतिशबाजी के कारण कोटा शहर की आबोहवा काफी दूषित हो गई है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वेबसाइट के अनुसार दीपावली की रात को शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 210 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया है। यानी शहर में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। पूर्व में बारिश के कारण कोटा की हवा स्वच्छ हो गई थी। इससे एक्यूआई का स्तर भी कम हो गया था। अब दीपावली के दौरान पटाखों के कारण कोटा का एक्यूआई 210 पर पहुंच गया है। दीपावली से पहले शहर में एक्यूआई 180 दर्ज किया गया था। अब आतिशबाजी के बाद इसमें काफी इजाफा हो गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर तेज हवा नहीं बहती है तो वायु प्रदूषण में और इजाफा होगा। ऐसे में अस्थमा रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
वाहनों का धुआं भी कर रहा दूषित
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के अनुसार कोटा शहर में वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण भी धुआं अधिक मात्रा में फैल रहा है। शहर में प्रदूषण का औसत स्तर अधिकांश समय 100 एक्यूआई से अधिक रहता है। यानी अब अधिकांश समय हवा में प्रदूषण बना रहता है। शहर के कई क्षेत्रों में हरियाली की अधिकता है। इसके बावजूद प्रदूषण का ग्राफ कम नहीं हुआ है। मंडल के अधिकारियों का कहना है कि इन क्षेत्रों में वाहनों का संचालन अधिक होने से यह स्थिति हो रही है। यहां धुएं की मात्रा अधिक होने से हरियाली भी प्रदूषण का स्तर कम नहीं कर पा रही है।
अलग अलग चौराहों पर यह रहे हालात
श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. केवल कृष्ण डंग ने शहर के अलग-अलग चौराहों पर शाम 7 बजे से रात 12 बजे तक एयर क्वालिटी इंडेक्स नापा था। डॉ. डंग ने बताया कि इस दौरान आतिशबाजी के कारण रात के समय प्रदूषण के तय स्तर मानक से 10 से 12 गुना बढ़त देखने को मिली। दीपावली पर रात के समय एक्यूआई 400 से लेकर 800 तक रहा। जबकि पिछले साल एक्यूआई 200 से 600 के बीच रहा था। पिछले साल के मुकाबले इस साल 25 से 30 प्रतिशत वायु प्रदूषण बढ़ा है। उन्होंने बताया कि शहर में सबसे ज्यादा प्रदूषण बोरखेड़ा फ्लाई ओवर के नीचे रहा। यहां पर वाहनों का आवागमन ज्यादा होता है। इसलिए यहां पर प्रदूषण का ग्राफ ज्यादा दर्ज किया गया।
जगह पीएम 2.5 पीएम 10
बोरखेड़ा 600 780
आदित्य आवास 511 583
बजरंग नगर 398 454
कोटड़ी 232 258
एयरोड्रम 321 367
हरमीत मेडिकल के पास 147 167
गायत्री विहार 432 498
नमृता आवास 571 661
विज्ञान नगर 192 245
अस्सी फीट रोड 309 345
एक्यूआई गुणवत्ता प्रभाव
- 0 से 50: अच्छी हवा: बहुत कम प्रभाव
- 51 से 100: संतोषजनक हवा: संवेदनशील लोगों को मामूली दिक्कत
- 101 से 200: मध्यम स्तर की हवा: अस्थमा व हार्ट रोगियों को दिक्कत
- 201 से 300: खराब हवा: अधिकांश को सांस में परेशानी
- 301 से 400: बहुत खराब: अधिक एक्सपोज से श्वसन रोग का खतरा
- 401 से 500: बेहद खराब: पहले से बीमार लोगों को गंभीर खतरा
पिछले साल की तुलना में इस साल वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। खुली जगहों पर आतिशबाजी के दौरान कम प्रदूषण देखने को मिला है वहीं संकरी जगहों पर वायु प्रदूषण ज्यादा हुआ है। प्रदूषण के कण श्वास के जरिए शरीर में जाकर नुकसान पहुंचाते हैं।
- डॉ. केवल कृष्ण डंग, श्वास रोग विशेषज्ञ
दीपावली के अवसर पर पटाखों के कारण वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। इससे अस्थमा रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनके लिए कई दिनों तक मास्क लगाने की मजबूरी बन जाती है। वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सरकार को शहर मेें विशेष प्रयास करना चाहिए।
- बलबीर, अस्थमा रोगी
दीपावली पर आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण का ग्राफ तेजी से बढ़ता है। पटाखोें के धुएं से पूरी हवा ही दूषित हो जाती है। प्रदूषण का ग्राफ कई दिनों तक बना रहता है। वर्तमान में वायु प्रदूषण का आंकड़ा 200 को पार कर गया है।
- अमित सोनी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल कोटा
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