अपनी हठ छोड़कर मणिपुर का दौरा करें मोदी, राज्य के लोगों से सीधे करे बात : चिदंबरम
बीरेन सिंह इस संकट के कारण हैं
पिछले साल इम्फाल में रहने वाले मीतई और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-जो समुदायों के बीच नौकरियों और शिक्षा में सरकारी अनुदान और कोटा को लेकर जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
मदुरै। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी हठ छोड़कर मणिपुर का दौरा करना चाहिए और राज्य के लोगों से विनम्रता से बात करने के साथ ही उनकी समस्याओं और आकांक्षाओं को सीधे जानना चाहिए। चिदंबरम ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि मणिपुर संकट का समाधान 5 हजार और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस जवानों को भेजना नहीं है। यह स्वीकार करना अधिक समझदारी है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह इस संकट के कारण हैं और उन्हें तत्काल हटा देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यह अधिक समझदारी है कि मैतेई, कुकी-जो और नागा एक राज्य में एक साथ तभी रह सकते हैं, जब उनके पास वास्तविक क्षेत्रीय स्वायत्तता हो।
पिछले साल इम्फाल में रहने वाले मीतई और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-जो समुदायों के बीच नौकरियों और शिक्षा में सरकारी अनुदान और कोटा को लेकर जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। हिंसा की घटनाओं में वृद्धि के बीच मणिपुर सरकार ने केंद्र से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम की समीक्षा करने और उसे वापस लेने का अनुरोध किया है, जिसे इम्फाल पश्चिम जिले के सेकमाई और लामसांग, इम्फाल पूर्व में लामलाई, बिष्णुपुर में मोइरांग, कांगपोकपी में लेइमाखोंग और जिरीबाम जिले में जिरीबाम के अंतर्गत आने वाले छह पुलिस थानों की सीमाओं में फिर से लागू किया गया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि न्याय सुनिश्चित किया जायेगा और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
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