वीकेंड पर रहती है पर्यटकों की भीड़, लोग नाव में सवार होकर भी देख रहे विभिन्न प्रजातियों के पक्षी
पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है
ऐसे में यहां भी पर्यटकों को टिकट के लम्बी लाइनों से बचाने के लिए व्यवस्था की गई है। पर्यटक अब क्यूआर कोड स्कैन कर यहां का टिकट बुक करा सकेंगे।
जयपुर। प्रदेश में घूमने आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए किले-महलों के अतिरिक्त अब वाइल्ड टूरिज्म और बर्ड वॉचिंग भी विकल्प बनकर उभर रहा है। रणथम्भौर टाइगर रिजर्व, सरिस्का टागइर रिजर्व और बूंदी स्थित रामगढ़ विषधारी टागइर रिजर्व के साथ ही जयपुर में संचालित झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व, लॉयन सफारी और टाइगर सफारी में इस समय पर्यटक अच्छी रूचि ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त भरतपुर स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन रहा है। पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में यहां भी पर्यटकों को टिकट के लम्बी लाइनों से बचाने के लिए व्यवस्था की गई है। पर्यटक अब क्यूआर कोड स्कैन कर यहां का टिकट बुक करा सकेंगे।
ऐसे में वीकेंड पर लाइन में लगकर टिकट विंकडों से टिकट लेने की संभावना नहीं रहेगी। एसएसओआईडी की अनिवार्यता को भी खत्म किया गया है, ताकि पर्यटकों को आसानी से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के टिकट मिल सकें। यहां पर्यटकों के लिए नाव के जरिए भी पक्षी दिखाए जाने की व्यवस्था फिर से शुरू की गई है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 350 विभिन्न प्रजातियों की हजारों बर्ड्स यहां देखी जाती हैं। वहीं माइग्रेटिव बर्ड्स का भी आना शुरू हो गया है।
पर्यटकों के लिए क्यूआर कोड की व्यवस्था की गई है। अब वीकेंड पर पर्यटकों के लिए लाइन में लगकर टिकट विंडों से टिकट लेने की संभावना नहीं रहेगी।
- मानस सिंह, डीसीएफ, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
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