यूएनएससी अब भी 1945 में अटका है, कुछ देश सुरक्षा परिषद में बदलाव नहीं होने देना चाहते : भारत
पड़ोसी देशों को सदस्य बनने का अवसर मिल सकता है
इससे ये संगठन अब भी 1945 की स्थिति में ही है। हरीश ने नाम लिए बिना चीन पर यूएनएससी का विस्तार रोकने का आरोप लगाया।
वॉशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव ना होने पर कोलंबिया विश्वविद्यालय में बोलते हुए हरीश ने स्थायी सदस्यों और प्रतिद्वंद्वी देशों के प्रतिरोध की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ देश यूएनएससी के विस्तार में रोड़ा अटका रहे हैं, इससे ये संगठन अब भी 1945 की स्थिति में ही है। हरीश ने नाम लिए बिना चीन पर यूएनएससी का विस्तार रोकने का आरोप लगाया।
यूनिवर्सिटी में प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर प्रतिक्रिया
भारत का तरीका विषय पर छात्रों को संबोधित करते हुए हरीश ने कहा कि सुरक्षा परिषद में बदलाव की रफ्तार धीमी है, क्योंकि कुछ देश यथास्थिति को पसंद करते हैं। वो किसी भी कीमत पर स्थायी श्रेणी में विस्तार का विरोध करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके पड़ोसी देशों को सदस्य बनने का अवसर मिल सकता है।
हरीश का यूएनएससी विस्तार पर बल
हरीश ने कहा कि इस बात पर आम सहमति है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव किया जाना चाहिए। इसकी आवश्यकता है। हालांकि कई देश यथास्थिति को प्राथमिकता देते हैं, जो पहले से ही स्थायी सदस्य हैं, वे इसे खाली नहीं करना चाहते हैं। जो पहले से ही स्थायी सदस्य हैं, वे वीटो को छोड़ना नहीं चाहते हैं।
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