नयापुरा सबसे अधिक प्रदूषित, धान मंडी व श्री नाथपुरम भी खतरनाक स्तर 313 पर
वायु प्रदूषण का ग्राफ लगा रहा छलांग, एक्यूआई का स्तर 313 पर पहुंचा
चिकित्सकों का कहना है कि अब रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
कोटा। दीपावली के बाद कोटा शहर में वायु प्रदूषण का लेवल काफी बढ़ा हुआ है। वायु प्रदूषण का बिगड़ता स्तर लोगों की सेहत पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। सर्दी के मौसम में वाहनों और उद्योगों का धुआं वायु प्रदूषण में इजाफा कर रहा है। अब तो शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी प्रदूषण का स्तर काफी बढ़कर 313 एक्यूआई पर पहुंच गया है। यहां की हवा जहरीली हो गई और इस मौसम में मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। कोटा शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर भी अलग-अलग हैं। इस समय शहर के नयापुरा क्षेत्र में प्रदूषण का लेवल सबसे अधिक है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वेबसाइट के अनुसार शनिवार को नयापुरा और उसके आसपास के क्षेत्र में एक्यूआई 313 दर्ज किया गया है। जबकि शहर के अन्य क्षेत्र धानमंडी में एक्यूआई 308 और श्रीनाथपुरम में एक्यूआई 305 पर बना हुआ है।
नयापुरा में सबसे ज्यादा व श्रीनाथपुरम में सबसे कम
प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से शहर में वायु प्रदूषण का स्तर रिकार्ड करने के लिए तीन अलग-अलग स्थानों पर प्रदूषण मापक संयंत्र लगाए गए हैं। कोटा में नयापुरा, नई धानमंडी और श्रीनाथपुरम क्षेत्र में लगे संयंत्र के माध्यम से रोजाना प्रदूषण का स्तर दर्ज किया जाता है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार शनिवार को शहर के तीनों क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर अलग-अलग दर्ज किया गया। नयापुरा क्षेत्र में शाम को एक्यूआई 313 दर्ज किया गया। इसके अलावा नई धानमंडी क्षेत्र में 308 और श्रीनाथपुरम क्षेत्र में 305 एक्यूआई था। ऐसे में शहर के नयापुरा क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रदूषण और सबसे कम श्रीनाथपुरम क्षेत्र में हो रहा है। वहीं पूरे शहर में औसत प्रदूषण 313 एक्यूआई दर्ज किया गया। यानी शहर में हवा काफी प्रदूषित हो चुकी है।
वायु प्रदूषण का यह होता है स्तर
0-50 अच्छा यानि कोई दिक्कत नहीं
51-100 संतोषजनक हवा
100-200 बाहर जाने से बचें
201-300 श्वसन के मरीजों को परेशानी
301-400 लम्बे समय से बीमार मरीजों को परेशानी
401-500 बाहर बिलकुल भी नहीं निकलें
यह बढ़ा रहे वायु प्रदूषण का ग्राफ
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के अनुसार कोटा शहर में वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण धुआं अधिक मात्रा में फैल रहा है। शहर के अन्य क्षेत्रों की तुलना में नयापुरा क्षेत्र में वाहनों का संचालन अधिक होता है। ऐसे में वाहनों की धुआं हवा को बीमार कर रहा है। इसके अलावा पास ही स्थित औद्योगिक संस्थान थर्मल से निकलने वाला धुआं भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बन रहा है। इनकी वजह से इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा है। धानमंडी क्षेत्र स्थित सब्जीमंडी में भी काफी संख्या में बड़े वाहनों की आवाजाही होती है। इसलिए यहां पर भी प्रदूषण काफी ज्यादा है। श्रीनाथपुरम क्षेत्र में बड़े वाहनों की आवाजाही काफी होती है। इसलिए यहां पर वायु प्रदूषण अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम है।
कोटा में जहरीली होती जा रही हवा
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के अनुसार सदी के मौसम में हवा की गति थम जाती है। इससे वायुमंडल में मौजूद प्रदूषक तत्व जमींदोज नहीं हो पाते हैं और हवा में ही तैरते रहते हैं। इस कारण प्रदूषण का लेवल बढ़ता ही चला जाता है। दीपावली से पहले शहर में एक्यूआई 180 के आसपास था। दीपावली पर्व के दौरान आतिशबाजी का दौर चलने से एक्यूआइ लेवल 250 पर आ गया है। इसके बाद से प्रदूषण का लेवल बढ़ता ही जा रहा है। अब वायु प्रदूषण लेवल लंबी छलांग लगाकर 313 एक्यूआई पर आ गया है। इस समय हवा काफी प्रदूषित हो चुकी है। चिकित्सकों का कहना है कि अब रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
वायु प्रदूषण आंखों के लिए बेहद खतरनाक है। खासकर कंजंक्टिवा और कार्निया के लिए जहरीली सबसे ज्यादा नुकसानदायक है। प्रदूषित हवा में सुक्ष्म कण होते हैं, जो आंखों की सतह को प्रभावित कर सकते हैं। इससे एलर्जी और जलन जैसी समस्याएं हो सकती है। लोगों को प्रदूषण से बचने के लिए हर प्रयास करना चाहिए।
- डॉ. सुधीर गुप्ता, नेत्र रोग विशेषज्ञ
सर्दी के मौसम में पिछले कुछ दिनों से कोटा में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। नयापुरा क्षेत्र में उद्योग और वाहनों का धुआं अधिक प्रदूषण फैला रहा है। जिससे यहां पर अन्य क्षेत्रों की तुलना में प्रदूषण का स्तर ज्यादा है। आगामी दिनों में वायु प्रदूषण में और बढ़ोतरी हो सकती है।
- अमित सोनी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल कोटा
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