ब्लॉक हो गया आसमां, प्रदूषण को किया कैद
कोटा सहित राजस्थान के कई शहरों में प्रदूषण का बढ़ा स्तर
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब प्रदूषित शहरों का तैयार होगा डाटा।
कोटा। सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। दिल्ली सहित देश के कई शहर प्रदूषण की चपेट में आ गए हैं। राजस्थान में भी कोटा शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 268 पर पहुंंच गया है। वायु प्रदूषण का बिगड़ता स्तर लोगों की सेहत पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। सर्दी के मौसम में वाहनों और उद्योगों का धुआं वायु प्रदूषण में इजाफा कर रहा है। देशभर में वायु प्रदूषण का लेवल हाई होने को गम्भीरता लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अब प्रदूषित शहरों के सम्बंध में केन्द्र सरकार से डाटा मांगा है। राजस्थान के कई शहरों में भी प्रदूषण का स्तर अधिक रहता है। ऐसे में अब इन शहरों में होने वाले प्रदूषण के लेवल और कारणों के सम्बंध में डाटा तैयार किया जाएगा। इसके बाद सरकार को भेजा जाएगा।
रेड जोन में शामिल शहरों की पहचान करने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार को उन शहरों की पहचान करने का निर्देश दिया, जहां वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग जैसे तंत्र को देशभर में लागू करने की जरूरत पर जोर देते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के मसले पर उसकी सुनवाई सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहेगी। देशभर के प्रदूषण को लेकर सुनवाई होगी। प्रदूषण देशव्यापी समस्या है, इसलिए समाधान होना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषित शहरों के सम्बंध में सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में राजस्थान के प्रदूषित शहरों का डाटा भी तैयार किया जाएगा। हालांकि प्रारंभ में प्रदूषण के मामले में रेड जोन में आने वाले शहरों का डाटा तैयार होगा। रेड जोन में वह जिले आते हैं, जिनमें प्रदूषण का स्तर 300 के ऊपर रहता है।
प्रदेश के शहरों में वायु प्रदूषण
कोटा -268
चुरू - 274
झालावाड़ - 242
टोंक - 278
धौलपुर - 318
भिवाड़ी - 270
जयपुर - 227
एक्यूआई गुणवत्ता प्रभाव
0-50 - अच्छा यानि कोई दिक्कत नहीं
51-100 - संतोषजनक
101-200 - बाहर जाने से बचें
201-300 - श्वसन के मरीजों को तकलीफ
301-400 - गंभीर रोगियों को दिक्कत
401-500 - बाहर बिलकुल नहीं निकलें
कोटा में 268 पर पहुंचा एक्यूआई
सर्दी के मौसम में कोटा शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी प्रदूषण का स्तर काफी बढ़कर 268 एक्यूआई पर पहुंच गया है। यहां की हवा जहरीली हो गई और इस मौसम में मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। कोटा शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर भी अलग-अलग हैं। इस समय शहर के नयापुरा क्षेत्र में प्रदूषण का लेवल सबसे अधिक है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वेबसाइट के अनुसार मंगलवार को नयापुरा और उसके आसपास के क्षेत्र में एक्यूआई 283 दर्ज किया गया है। जबकि शहर के अन्य क्षेत्र धानमंडी में एक्यूआई 308 और श्रीनाथपुरम में एक्यूआई 212 दर्ज किया गया। यानी शहर में सबसे प्रदूषित क्षेत्र धानमंडी है। कोटा में नयापुरा, नई धानमंडी और श्रीनाथपुरम क्षेत्र में लगे संयंत्र के माध्यम से रोजाना प्रदूषण का स्तर दर्ज किया जाता है।
इनका कहना है
इस समय हवा थम गई है। इसकी वजह से इन्वर्जन लेयर बन गया है। यानी आसमां में प्रदूषक तत्व अटक गए हैं। इस कारण वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने रेड जोन में आने वाले प्रदूषित शहरों का डाटा मांगा है। फिलहाल कोटा रेड जोन में शामिल नहीं है।
- अमित सोनी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल कोटा
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