कोई भी कोर्ट मंदिर-मस्जिद से जुड़े मामलों में आदेश नहीं दे : सुप्रीम कोर्ट
प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का समर्थन किया गया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई होने तक कोई भी कोर्ट मंदिर-मस्जिद से जुड़ा नया मामला स्वीकार नहीं करेगी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई होने तक कोई भी कोर्ट मंदिर-मस्जिद से जुड़ा नया मामला स्वीकार नहीं करेगी। साथ ही कहा कि जिला अदालतें कोई आदेश नहीं दें। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार का जब तक जवाब नहीं आता, हम इस मामले पर सुनवाई नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने सरकार से कहा कि आप जवाब दायर कीजिए और सभी पक्षकारों को उसकी कॉपी उपलब्ध कराइए। इस मामले में अब कोई नई याचिका स्वीकार नहीं की जाएगी।
इन्होंने किया प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का समर्थन
सुप्रीम कोर्ट में कई हस्तक्षेप याचिकाएं दाखिल की गई हैं। राजनीतिक दल सीपीआईएम, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक जीतेंद्र आव्हाड, आरजेडी के सांसद मनोज कुमार झा, सांसद थोल तिरुमावलन के अलावा वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन कमेटी और मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का समर्थन किया है।
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