BLO की मौतों पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 'काम का दबाव कम करें, छुट्टी भी दीजिए'
बीएलओ आत्महत्या मामलों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
बिहार चुनाव के बाद देशभर में चल रहे एसआईआर अभियान के दौरान बीएलओ पर बढ़ते दबाव और आत्महत्या की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने इन मौतों के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कर्मचारियों की कमी दूर करना उनकी जिम्मेदारी है।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव के बाद अब पूरे देश में एसआईआर करवाने का फैसल किया है, जिसके बाद देश के करीब 12 राज्य/ केंद्रशासित राज्यों में एसआईआर का काम पूरे जोर शोर पर चल रहा है। बता दें कि, कई बीएलओ एसआईआर का तनाव सहन नहीं कर पाएं और उन्होंने आत्महत्या कर ली। इसी बीच सु्प्रीम कोर्ट ने आज बीएलओं की मौत पर संजान लेते हुए गंभीर चिंता व्यक्त की है। दरअसल, मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीएलओं की आत्महत्या, उनकी कार्य स्थितियों और मानसिक स्वास्थय के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
इसके आगे सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि, एसआईआर एक वैध प्रक्रिया हैं और इस पूरा भी होना होगा। यदि राज्यों में कर्मचारियों की कमी है तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार ही जिम्मेदार है। इसके आगे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईआर के लिए चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए गए कर्मचारियों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, तो इसके लिए राज्य सरकार को उनकी कठिनाइयों को दूर करना चाहिए।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को साफ निर्देश दिए है कि बीएलओ की मानसिक स्थिति को कम करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती जल्द से जल्द करें। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा है कि यदि कोई भी बीएलओ व्यक्तिगण कारणों से एसआईआर करने में सक्षम नहीं है तो उचित कारणों से उनको राहत देने की भी कृपा करें और उनके स्थान पर किसी और को काम पर लगाया जाए।
बीएलओ आत्महत्या मामले में सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायण ने बताया कि हमारे पास करीब 35 से 40 बीएलओ की जानकारी है जिन्होंने दवाब के चलते आत्महत्या कर ली है। ये सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक आदि हैं। इस मामले में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्ब्ल ने सु्प्रीम कोर्ट को बताया कि, बीएलओ पर दबाव वाकई मे चिंता की बात है और एसआईआर करवाने की सरकार को इतनी जल्दी क्या है। इसके लिए सबको पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
दरअसल, तमिलनाडु और केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे इसके साथ ही गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी चुनाव होंगे। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में भी 2026 में चुनाव होंगे जिसके लिए इन सभी राज्यों में एसआईआर का काम चल रहा है।

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