मिलावटखोरी में कोटा प्रदेश में पहले नंबर पर 375 नमूनों में 149 नमूने निकले अमानक

कोटा जिले में लिए गए नमूनों में से 39.73 फीसदी सैंपल फेल

मिलावटखोरी में कोटा प्रदेश में पहले नंबर पर 375 नमूनों में 149 नमूने निकले अमानक

कोटा में मिलावट वालों पर अंकुश लगाने के लिए पूरे साल लगातार सैंपलिंग की गई।

कोटा। दीपावली पर चलाए गए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में लिए गए प्रदेश भगर में खाद्य पदार्थो के नूमनों की रिपोर्ट आने लगी है। कोटा में 375 नमूने लिए जिसमें 149 नमूने अमानक पाए गए है। दीपावली पर मावा, तेल, मिठाईयों, पनीर, तेल, नमकीन,रसगुल्ले सहित कई खाद्य पदार्थो के नमूने लिए थे। जिसमें 149 नमून अमानक स्तर के पाए गए। है। विभाग की ओर से इस पर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। वहीं प्रदेश की बात करें तो कोटा के सैंपल सबसे अधिक अमानक स्तर के पाए गए है। कोटा पहले नंबर है। 

नमूने फेल में कोटा अव्वल, धौलपुर सबसे पीछे 
कोटा जिले में लिए गए नमूनों में से 39.73 फीसदी दिन नमूने फेल हुए हैं, यानी कि लिए गए 375 में से 149 नमूने अप्रैल से अक्टूबर के बीच फेल हो गए हैं।  प्रदेश में सबसे ज्यादा फीसदी नमूने फेल होने का रिकॉर्ड कोटा के नाम ही है। दूसरे नंबर पर हाड़ौती का दूसरा जिला बारां है, जहां पर 36.46 फीसदी नमूने फेल हो गए हैं।  इसके बाद राजसमंद, डूंगरपुर और टोंक तीनों जिले 33 फीसदी नमूने फेल होने के रिकॉर्ड के आसपास हैं। जबकि धौलपुर जिले में  सब से कम 6.47, करौली में 6.53, भरतपुर में 11.7, जैसलमेर में 12.23 और चूरू में 12.86 फीसदी ही नमूने फेल हुए हैं। 

प्रदेश में 23 फीसदी नमूने हुए फेल
खाद्य सुरक्षा विभाग ने प्रदेश में अप्रैल से अक्टूबर तक कुल 9100 लिए हैं।  इनमें से 2076 नमूने फेल हुए हैं।  यहां तक कि 302 नमूने अमानक पाए गए हैं। यह पूरी तरह से अनसेफ और हानिकारक थे, जिन्हें खाने से लोगों को सेहत पर नुकसान हो सकता था।  जबकि 1705 नमूने सब स्टैंडर्ड कैटेगरी में हैं और 69 नमूने मिस ब्रांड हैं। प्रदेश के लिए गए 23 फीसदी नमूने फेल हुए हैं। 

लगातार नमूने लेने से  लगा अंकुश
कोटा में मिलावट वालों पर अंकुश लगाने के लिए पूरे साल लगातार सैंपलिंग की गई। बड़ी संख्या में नमूने फेल आए है।  विभाग की ओर से मिलावट खोरी रोकने के लिए केवल वही नमूने ज्यादा लिए जाते हैं, जहां पर मिलावटखोरी की आशंका ज्यादा थी। जिससे कारण ही इतने नमूने फेल आए।   जयपुर में दो जिले बने हुए हैं।  दोनों का मिलाकर 835 नमूने लिए हैं।  इनमें से 216 फेल हुए हैं फेलियर प्रतिशत 25.87 है, लेकिन प्रदेश में सर्वाधिक नमूने लेने और फेल होने का रिकॉर्ड जयपुर के नाम ही है।  दूसरे नंबर पर अलवर में 587 नमूने लिए हैं और इनमें 30.49 फीसदी 179 नमूने फेल हो गए हैं।  नमूने फेल होने की संख्या में सबसे नीचे धौलपुर है।  यहां पर 139 नमूने लिए हैं, जिनमें से 9 नमूने फेल हुए हैं।  इसके बाद करौली में 153 में से 10 फेल हुए हैं। 

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इनका कहना है
मिलावटखोरों के खिलाफ नियमित और सख्त एक्शन लिए गए।  इसलिए भी मिलावट के केस ज्यादा आ रहे हैं और लोगों में जागरूकता भी बढ़ रही है।  इसके बाद उनके खिलाफ एडीएम और सीजेएम कोर्ट में मामले को पहुंचा कर सजा दिला रहे हैं।     
- संदीप अग्रवाल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी कोटा

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