मकर संक्रांति 14 को : सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में करेंगे प्रवेश

उत्तरायण काल का प्रारंभ दिन, इसलिए इस दिन किया गया दान पुण्य होता है फलदायी

मकर संक्रांति 14 को : सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में करेंगे प्रवेश

अयन संक्रांति के पुण्य काल में किए गए दान पुण्य से सामान्य दिनों के दान पुण्य की अपेक्षा अधिक फल मिलता है। 

जयपुर। सूर्य जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इसे उत्तरायण का प्रारंभ भी कहा जाता है। उत्तरायण शब्द उत्तर एवं अयन इन दो शब्दों से बना है। अयन का अर्थ होता है-चलना। सूर्य के उत्तर दिशा में अयन अर्थात गमन को उत्तरायण कहा गया है। उत्तरायण के 6 माह में सूर्य मकर से मिथुन और दक्षिणायण में सूर्य कर्क से धनु राशि में भ्रमण करते हैं।  मकर संक्रांति उत्तरायण काल का प्रारंभ दिन है, इसलिए इस दिन किया गया दान पुण्य अक्षत फ लदाई होता है। 14 जनवरी को सूर्य कर्क राशि के चंद्रमा में बृहस्पति के पुनर्वसु नक्षत्र के समय सुबह 9.03 बजे अपने मित्र बृहस्पति की धनु राशि से निकल कर अपने शत्रु शनि की राशि मकर में प्रवेश करेंगे। मकर राशि में सूर्य सर्वप्रथम स्वयं के नक्षत्र सूर्य में तत्पश्चात चंद्रमा एवं मंगल के नक्षत्र में रहेंगे। सूर्य की 12 संक्रांतियां कर्क एवं मकर की अयन परिवर्तन के कारण अयन संक्रांति, मेष, तुला की विषुव संक्रांति, मिथुन, कन्या, धनु, मीन की षडशीति एवं वृष, सिंह, वृश्चिक और कुंभ की विष्णुपदी संक्रांति कहलाती हैं। अयन संक्रांति के पुण्य काल में किए गए दान पुण्य से सामान्य दिनों के दान पुण्य की अपेक्षा अधिक फल मिलता है। 

क्या दान करना चाहिए
सूर्य- तिल, तांबा, गेहूं, सोना, गुड़, गाय, लाल वस्त्र, घी, केसर 
चंद्रमा- श्रीखंड, सफेद चावल, सफेद वस्त्र, दूध के बने पदार्थ, सफेद चंदन, शक्कर 
मंगल- मसूर दाल, घी, कस्तूरी, केसर, लाल वस्त्र
बुध- पन्ना रत्न, हरा वस्त्र, कांसी के बर्तन, हाथी दांत, तुलसी वृक्ष, विविध फल 
गुरु- हल्दी, चने की दाल, पुस्तक, पीले वस्त्र, पीले फल, पीले अनाज, पुखराज, शहद, सोना 
शुक्र- चांदी, हीरा, सफेद एवं फूलदार वस्त्र, रेशमी वस्त्र, इत्र, सुगंधित पदार्थ, मिश्री, दूध-दही 
शनि- लोहा, तिल, उड़द की दाल, काले वस्त्र, कंबल, काली गाय, जूते, तेल  
राहु- उड़द, लोहा, तिल भरा हुआ कांसे का पात्र, तलवार, चांदी का सर्प,इसीसा, सरसो 
केतु- शस्त्र, तेल, कंबल, कस्तूरी, लोहा, लहसुनिया रत्न को दान करना चाहिए 

हिन्दू समाज औैर ज्योतिष में मकर संक्रांति का काफी महत्व रहा है, सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। मंगल कार्य शुरू होते हैं और इस दिन से उत्तरायण का प्रारम्भ भी होता है।
-डॉ.लता श्रीमाली, वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ 

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