पिछले 8 साल में धीमा पड़ा आर्थिक विकास, आर्थिक नीतियों पर पुनर्विचार हो: चिदंबरम

मोदी सरकार आर्थिक नीतियों में पूरी तरह विफल साबित: चिदंबरम

पिछले 8 साल में धीमा पड़ा आर्थिक विकास, आर्थिक नीतियों पर पुनर्विचार हो: चिदंबरम

केंद्र सरकार को बढ़ती महंगाई को देखते हुए आर्थिक नीतियों पर फिर से विचार करने की जरूरत है।

जयपुर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की पिछले आठ वर्षों में धीमी आर्थिक विकास दर बड़ी चिंता का विषय है। मोदी सरकार आर्थिक नीतियों में पूरी तरह विफल साबित हुई है। केंद्र सरकार को बढ़ती महंगाई को देखते हुए आर्थिक नीतियों पर फिर से विचार करने की जरूरत है। उदयपुर में कांग्रेस चिंतन शिविर में पहुंचे चिदंबरम ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उदारीकरण के 30 साल के बाद अब आर्थिक नीतियों को फिर से तय करने पर विचार किया जाए। वैश्विक और स्थानीय घटनाक्रमों के मद्देनजर यह जरूरी हो गया है। मेरी इस मांग का यह मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस उदारीकरण से पीछे हट रही है, बल्कि उदारीकरण के बाद पार्टी आगे की ओर कदम बढ़ा रही है। आज भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है।


चिदंबरम ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के दौरान कई तरह की कठिनाइयां रही है। पिछले पांच महीनों के दौरान समय समय पर ताजा विकास दर का आकलन कम किया जाता रहा है। आज महंगाई जिस स्तर पर पहुंच गई है, वह जनता को स्वीकार नहीं है, क्योंकि यह आगे भी और बढ़ने की आशंका है। गैर भाजपा शासित राज्यों से केंद्र सरकार भेदभाव पूर्ण रवैया कर रही है। राज्यों को उनका जीएसटी हिस्से का पैसा नहीं दिया जा रहा, जिससे गैर भाजपा शासित राज्यों की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। केंद्र और राज्यों के बीच के राजकोषीय संबंधों की समग्र समीक्षा की जानी चाहिए। भारत सरकार कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी पर महंगाई का ठीकरा नहीं फोड़ सकती। किसान विरोधी केंद्र सरकार पर्याप्त गेहूं खरीदने में विफल रही है। आज देश में बेरोजगारी बहुत ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है। रुपया और डॉलर की कीमत में आए अंतर पर चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार 2014 में डॉलर के मुकाबले 40 रुपए लाने की बात करती थी लेकिन वह आज तक ऐसा नहीं कर पाए।

पूजा स्थल कानून- 1991 के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए: पी. चिदंबरम

कांग्रेस ने कहा है कि पूजा स्थल कानून- 1991 के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। बल्कि इसकी भावना को बनाए रखा जाना चाहिए। कानून का पालन सभी के हित में होगा। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने आज यहां एक सवाल के जवाब में कहा कि पूर्व पीएम नरसिंह राव सरकार के कार्यकाल में यह कानून बनाया गया था। ऐसे में देश के सभी पूजा स्थालों की साल 1947 के पूर्व की स्थिति में बनाए रखा जाना चाहिए। असल में, चिदंबरम से वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद एवं आगरा के ताजमहल में प्रस्तावित सर्वे को लेकर सवाल किया गया था। जिस पर चिदंबरम ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और समाज में ध्रुवीकरण करने का कोई मेल नहीं है। ध्रुवीकरण हमेशा राजनीतिक मकसद से किया जाता है। ऐसे में पूजा स्थल कानून- 1991 की भावना का ख्याल जाना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव की कोशिश नहीं होनी चाहिए।

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