एनडीए का एक और सहयोगी दल मंत्री पद न मिलने से नाराज, कहा- सभी को मिले सम्मान
मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया
झारखंड से कैबिनेट मंत्री के तौर पर कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को शपथ दिलवाई गई जबकि रांची से सांसद संजय सेठ को राज्यमंत्री के तौर पर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
नई दिल्ली। केंद्र में कैबिनेट गठन के बाद से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की झारखंड में सहयोगी पार्टी ऑ झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन नाखुश नजर आ रही है। राज्य की गिरिडीह लोकसभा सीट से एनडीए ने एजेएसयू उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा था। इस सीट से एजेएसयू उम्मीदवार की जीत के बाद पार्टी को उम्मीद थी कि उनकी पार्टी के सांसद चौधरी को भी कैबिनेट में मंत्री पद दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। झारखंड से कैबिनेट मंत्री के तौर पर कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को शपथ दिलवाई गई जबकि रांची से सांसद संजय सेठ को राज्यमंत्री के तौर पर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
एजेएसयू को उम्मीद थी कि मोदी कैबिनेट में एक सांसद वाले पार्टी को भी मंत्री पद दिया गया है। एजेएसयू के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि सभी सहयोगी दल जो सरकार को समर्थन दे रहे हैं, उन्हें उचित मान सम्मान दिया जाना चाहिए था। इससे एजेएसयू कार्यकर्ता और समर्थकों को निराशा हुई है और पार्टी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी। 2019 में रघुवर दास की अगुवाई में एजेएसयू जब विधानसभा चुनाव अकेले लड़ी थी तो बीजेपी के खाते में महज 25 सीटें आई थी। ऐसे में एक बार फिर चर्चा है की क्या केंद्र में मंत्री बनाने से बीजेपी का इनकार यहां राज्य के विधानसभा चुनावों में कोई असर डाल सकता है। बता दें कि झारखंड में ओबीसी की आबादी 46 फीसदी है, जिसमें यादव 10 फीसदी और वैश्य 25 फीसदी हैं।
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