आप को रोकने के लिए बीजेपी-कांग्रेस मिला रहे थे हाथ, विजय रुपाणी ने लगाया गठबंधन पर ब्रेक
पंजाब में दोनों दलों के बीच गठबंधन होते-होते रह गया
दोनों दलों के साथ आने की कवायदों के खुलासे के बाद हड़कंप होग गया है, हालांकि बीजेपी ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
चंडीगढ़। देश की राजनीति में कांग्रेस और बीजेपी को अलग-अलग विचारधारा की पार्टियों के तौर देखा जाता है, लेकिन पंजाब में दोनों दलों के बीच गठबंधन होते-होते रह गया। राज्य में आम आदमी पार्टी को रोकने के लिए दोनों पार्टियों की स्थानीय यूनिट ने लगभग हाथ मिल लिए, लेकिन जब इसकी जानकारी राज्य के प्रभारी विजय रुपाणी को लगी, तो उन्होंने गठबंधन पर ब्रेक लगा दिया। यह वाक्या पंजाब के लुधियाना में हुआ। दोनों दलों के साथ आने की कवायदों के खुलासे के बाद हड़कंप होग गया है, हालांकि बीजेपी ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
लुधियाना चुनाव में फंसा पेच :
लुधियाना नगर निगम के चुनाव में सूबे की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को 43 वार्ड में जीत मिली है। आम आदमी पार्टी अपना मेयर बनाने के लिए जरूरी 48 पार्षदों की जादुई संख्या से 5 पीछे है। नगर निगम चुनाव में बीजेपी के 19 और कांग्रेस के 30 पार्षद चुनाव जीते हैं। दोनों दलों का संख्याबल जोड़ लें, तो 49 पहुंचता है, जो अपना मेयर बनाने के लिए जरूरी 48 से एक अधिक है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को निगम की सत्ता से दूर रखने की रणनीति के साथ दोनों धूर विरोधी पार्टियों साथ आने की संभावनाओं पर काम कर रही थी। जिला यूनिट ने गठबंधन की संभावनाएं टटोलनी शुरू कर दी थी, लेकिन जब इसकी भनक विजय रुपाणी को लगी, तो उन्होंने इस पर ब्रेक लगाया दिया।
बन गई थी सहमति :
लुधियाना नगर निगम के चुनावों आप के बहुमत से दूर रह जाने के बाद कांग्रेस और बीजेपी के स्थानीय इकाईयों के बीच गठबंधन को लेकर सहमति बन गई थी। बीजेपी की जिला यूनिट ने जब कांग्रेस से गठबंधन का प्रस्ताव प्रदेश टीम को भेजा तो हड़कंप मच गया, जैसे ही इसकी जानकारी विजय रुपाणी को हुई तो वह तत्काल एक्शन मोड में आए और पूरी प्रक्रिया को रुकवाया। पंजाब में बीजेपी की कमान कांग्रेस से आए सुनील जाखड़ के पास है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और इसके बाद लुधियाना में मेयर के पद पर आप का काबिज होना तय हो गया है।
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