संसदीय समितियों में विपक्षी दल को नहीं दिया जा रहा है महत्व : कांग्रेस
बिरला को पत्र लिखकर इस संबंध में आपत्ति व्यक्त की
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इस संबंध में आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि समितियों के पुनर्गठन में प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका को महत्व नहीं दिया जा रहा है और उसके महत्व को कम करने का संसद में लगातार प्रयास किया जा रहा
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि संसद की स्थायी समितियों में प्रमुख विपक्षी दल को महत्व नहीं दिया जा रहा है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इस संबंध में आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि समितियों के पुनर्गठन में प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका को महत्व नहीं दिया जा रहा है और उसके महत्व को कम करने का संसद में लगातार प्रयास किया जा रहा है। चौधरी ने पत्र में कहा कि सरकार सूचना तकनीकी यानी आईटी विभाग की समिति को अपने पास रखने की कोशिश कर रही है, जबकि परंपरा संसद की महत्वपूर्ण समितियों में प्रमुख विपक्ष दलों की अहम भूमिका देने की रही है। उन्होंने कहा कि 16वीं लोकसभा में भी गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की समितियों में से 3 समितियां प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के पास थी। सदन में कांग्रेस के तब 44 सांसद थे, लेकिन इस बार इन तीनों समितियों को उससे ले लिया गया है और अब आईटी समिति को भी सरकार अपने पास रखने जा रही है।
चौधरी ने कहा कि यदि आईटी मंत्रालय की समिति को सरकार लेती है, तो फिर प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस को विदेश मंत्रालय की समिति दी जानी चाहिए। उनका कहना था कि सरकार के इस कदम से लगता है कि वह संसद में भी लोकतांत्रिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ करने लग गई है और उसका यह कदम लोकतंत्र के हित में नहीं है। इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष को उन्होंने पत्र लिखा था, लेकिन बिरला ने अब तक उनके पत्र का जवाब नहीं दिया है।
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