भारत ने कनाडा को दी संबंध खराब होने की चेतावनी
हमने कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को तलब किया था
सरकार में उपमंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा समिति के समक्ष भारत के केंद्रीय गृह मंत्री के बारे में किए गए बेतुके और निराधार संदर्भों का कड़े शब्दों में विरोध करती है।
नई दिल्ली। भारत ने कनाडा के एक उप मंत्री द्वारा भारत सरकार के गृह मंत्री पर बिना सबूत आरोप लगाने और भारतीय राजनयिकों को धमकाने एवं उत्पीड़न पर विरोध व्यक्त करते हुए कनाडा सरकार को चेतावनी दी कि उसकी इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाइयों से द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कनाडा से जुड़े विभिन्न सवालों के जवाब में कहा कि हमने कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को तलब किया था। उन्हें 29 अक्टूबर को ओटावा में सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर स्थायी समिति की कारर्वाई के संदर्भ में एक राजनयिक नोट सौंपा गया है। नोट में बताया गया है कि भारत सरकार, कनाडा सरकार में उपमंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा समिति के समक्ष भारत के केंद्रीय गृह मंत्री के बारे में किए गए बेतुके और निराधार संदर्भों का विरोध करती है।
जायसवाल ने कहा कि वास्तव में यह रहस्योद्घाटन केवल उस दृष्टिकोण की पुष्टि करता है, जो भारत सरकार लंबे समय से वर्तमान कनाडाई सरकार के राजनीतिक एजेंडे और व्यवहार शैली के बारे में रखती है कि कनाडा के उच्च अधिकारी भारत को बदनाम करने और अन्य देशों को प्रभावित करने की एक सुविचारित रणनीति के तहत जानबूझकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में निराधार आक्षेप लीक करते हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को स्पष्ट कर दिया गया है कि इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाइयों से द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर परिणाम होंगे। कनाडाई साइबर सुरक्षा रिपोर्ट में भारत को एक शत्रु देश के रूप में वर्गीकृत किये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह भारत पर हमला करने की कनाडाई रणनीति का एक और उदाहरण प्रतीत होता है। जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया है, उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि वे भारत के खिलाफ वैश्विक धारणा को बदलना चाहते हैं। अन्य अवसरों की तरह इस रिपोर्ट में भी भारत पर बिना किसी सबूत के आरोप लगाए गए हैं।
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