कोरोना का असर: कोविड-19 के चलते लागू प्रतिबंधों के कारण मई में वाहनों की खुदरा बिक्री 55 प्रतिशत घटी
विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण मई में वाहनों की खुदरा बिक्री में 55 प्रतिशत की गिरावट रही। ऑटोमोबाइल डीलरों के संघ (फाडा) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार मई में यात्री वाहनों की बिक्री 58.96 प्रतिशत घटकर 85,733 इकाई रह गई। अप्रैल में 2,08,883 वाहन बिके थे।
नई दिल्ली। विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण मई में वाहनों की खुदरा बिक्री में 55 प्रतिशत की गिरावट रही। ऑटोमोबाइल डीलरों के संघ (फाडा) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार मई में यात्री वाहनों की बिक्री 58.96 प्रतिशत घटकर 85,733 इकाई रह गई। अप्रैल में 2,08,883 वाहन बिके थे। इसी प्रकार दुपहिया वाहनों की बिक्री 52.52 फीसदी घटकर 4,10,757 इकाई और तिपहिया वाहनों की बिक्री 75.90 प्रतिशत घटकर 5,215 इकाई रह गई। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 65.91 प्रतिशत और ट्रैक्टरों की बिक्री में 56.60 प्रतिशत की गिरावट रही। मई में देश में कुल 17,534 वाणिज्यिक वाहन और 16,616 ट्रैक्टरों का पंजीकरण हुआ। इस प्रकार वाहनों की कुल बिक्री अप्रैल के 11,85,374 से 54.79 प्रतिशत घटकर मई में 5,35,855 इकाई रह गई।
फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड की दूसरी लहर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। संभवत: कोई ऐसा परिवार नहीं होगा जो इससे प्रभावित न हुआ हो। शहरी बाजारों के अलावा इस बार ग्रामीण इलाके भी बुरी तरह प्रभावित हुए। मई में अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन जारी रहा। फाडा ने वाहन निर्माता कंपनियों से डीलरों की मदद की अपील दोहराई है। साथ ही उसने सरकार से कहा कि डीलरों के ऋण के पुनर्गठन की जगह उन्हें बैंक से 3 महीने का मोरेटोरियम मिलना चाहिए। फाडा की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस बार 30 से 45 का लॉकडाउन रहा है और दक्षिण भारत के राज्यों में यह अब भी जारी है। अधिकतर डीलरों की कमाई नगण्य रही है। इस कारण वे समय पर ऋण की किस्त चुकाने में असमर्थ हैं।
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