आईपीएल नियमों में बदलाव, खरीदे जाने के बाद नाम वापस लेने वाले विदेशी खिलाड़ियों पर लगेगा दो साल का प्रतिबन्ध
आईपीएल ने फ्रैंचाइजी के इस प्रस्ताव को भी स्वीकारा है कि विदेशी खिलाड़ियों का बड़ी नीलामी में पंजीकरण अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली। अगर कोई विदेशी खिलाड़ी आईपीएल की नीलामी में खरीदे जाने के बाद बिना किसी ठोस वजह के खुद को आईपीएल के किसी सीजन के लिए अनुपलब्ध बताता है तो ऐसे खिलाड़ी पर दो साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके इतर छोटी नीलामी में विदेशी खिलाड़ी का प्राइस टैग सबसे ज्यादा रिटेंशन प्राइस (18 करोड़) या बड़ी नीलामी की सबसे बड़ी बोली से अधिक नहीं होगा।
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने कहा है कि कोई भी खिलाड़ी जो नीलामी के लिए खुद को पंजीकृत करता है और नीलामी में खरीदे जाने के बाद वह सीजन की शुरुआत से पहले खुद को अनुपलब्ध बता देता है तब उसे अगले दो सीजन के लिए आईपीएल खेलने या आईपीएल नीलामी में हिस्सा लेने से रोक दिया जाएगा। हालांकि अगर खिलाड़ी चिकित्सकीय या चोट के कारणों से अनुपलब्ध रहता है तो ऐसी स्थिति में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी लेकिन इस संबंध में खिलाड़ी के होम बोर्ड से भी पुष्टि की जाएगी।
31 अक्टूबर तक टीमें रिटेन कर सकेंगी खिलाड़ियों को
आईपीएल 2025 की नीलामी के लिए टीमों के पास रिटेंशन फाइनल करने की डेडलाइन 31 अक्टूबर रखी गई है। फ्रैंचाइजी संयुक्त रूप से रिटेंशन और राइट टू मैच चुन सकती हैं। अधिकतम छह खिलाड़ी रिटेन हो सकते हैं, जिसमें पांच कैप्ड (भारतीय और विदेशी) और दो से अधिक अनकैप्ड (भारतीय) नहीं चुने जा सकते हैं। गवर्निंग काउंसिल ने नियमों की घोषणा की है। रिटेंशन में अगर कोई खिलाड़ी 31 अक्टूबर से पहले अंतरराष्ट्रीय डेब्यू कर लेता है तो उसको कैप्ड माना जाएगा, लेकिन अगर कोई रिटेन हुआ अनकैप्ड खिलाड़ी नीलामी से एक दिन पहले भी अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करता है तो उसको अनकैप्ड ही माना जाएगा।
छोटी नीलामी में विदेशी खिलाड़ियों के लिए अधिकतम फीस
आईपीएल ने फ्रैंचाइजी के इस प्रस्ताव को भी स्वीकारा है कि विदेशी खिलाड़ियों का बड़ी नीलामी में पंजीकरण अनिवार्य होगा। फ्रैंचाइजी ने यह तर्क दिया था कि इससे खिलाड़ी सिर्फ बड़ी धनराशि पाने की लालच से छोटी नीलामी में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। छोटी नीलामी में टीमें अमूमन कुछ खास खिलाड़ियों पर बड़ा दांव खेलती हैं। इसकी एक बानगी 2024 सीजन की नीलामी में भी देखने को मिली थी जब कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद ने क्रमश: मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस के लिए बड़ी बोली लगाई थी। कमिंस को 20.50 करोड़ जबकि स्टार्क को 24.75 करोड़ में खरीदा गया था।
बड़ी नीलामी के लिए विदेशी खिलाड़ी का पंजीकरण जरूरी होगा
इस स्थिति को दोहराने से रोकने के लिया आईपीएल ने दो तरह की रणनीति अपनाई है। पहला तो यह कि अगर किसी विदेशी खिलाड़ी ने बड़ी नीलामी में खुद को पंजीकृत नहीं किया है तब उसे छोटी नीलामी में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा। इस मामले में सिर्फ चोट या चिकित्सकीय स्थिति को अपवाद माना जाएगा। आईपीएल ने छोटी नीलामी में विदेशी खिलाड़ी के लिए अधिकतम फीस का प्रावधान भी लागू करने का निर्णय लिया है। किसी विदेशी खिलाड़ी की छोटी नीलामी की फीस अधिकतम रिटेंशन प्राइस (18 करोड़) या बड़ी नीलामी में लगाई गई अधिकतम बोली से कम होगी।
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