सूडान में भयावह स्थिति : अल-फशीर में आरएसएफ के कब्जे में नरसंहार की आशंका, शहर छोड़कर भागे 70 हजार लोग
कैसे हुआ आरएसएफ का जन्म ?
सूडान के दारफुर क्षेत्र में अल-फशीर शहर पर रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के कब्जे के बाद हिंसा भड़क उठी है। रेड क्रॉस प्रमुख मिजार्ना स्पोल्जारिक ने संभावित नरसंहार की चेतावनी दी है। सैकड़ों नागरिक मारे जाने की आशंका है, जबकि हजारों लोग फंसे हैं। आरएसएफ पर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार के आरोप लगे हैं।
खार्तूम। सूडान के दारफुर क्षेत्र में हालात एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गए हैं। अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति की प्रमुख मिजार्ना स्पोल्जारिक ने चेतावनी दी है कि अल-फशीर शहर में हो रही हिंसा इतिहास को दोहराने जैसी है। पिछले हफ्ते रैपिड सपोर्ट फोर्स ने शहर पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद सैकड़ों नागरिकों और निहत्थे लड़ाकों के मारे जाने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, आरएसएफ के कब्जे के दौरान पुरुषों को महिलाओं और बच्चों से अलग किया गया, जिसके बाद गोलियों की आवाजें सुनी गईं। हालांकि, आरएसएफ ने नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के आरोपों से इनकार किया है।
कैसे हुआ आरएसएफ का जन्म ?
रेड क्रॉस प्रमुख स्पोल्जारिक ने रियाद में बातचीत में कहा कि अल-फशीर से हजारों लोग भाग चुके हैं, लेकिन अब भी दसियों हजार लोग वहां बिना खाना, पानी और इलाज के फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हर बार जब किसी शहर पर दूसरा पक्ष कब्जा करता है तो हालात और बदतर हो जाते हैं। बता दें, यह वही दारफुर क्षेत्र है जहां 2000 के दशक में जातीय हिंसा और नरसंहार जैसी घटनाएं हुई थीं, जिनमें लाखों लोग मारे गए थे। उस समय की जंजावीद मिलिशिया से ही आरएसएफ का जन्म हुआ था। स्पोल्जारिक ने कहा कि आईसीआरसी को अल-फशीर के सऊदी अस्पताल में संभावित नरसंहार की खबरे मिली हैं, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि पास के तविला शहर में आईसीआरसी टीम को ऐसी रिपोर्ट मिली हैं कि भागते लोग थकान या चोटों की वजह से रास्ते में ही दम तोड़ रहे हैं। अमेरिका ने पहले दारफुर के जिनेना शहर में आरएसएफ पर जनसंहार करने का आरोप लगाया था।

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