मेक इन इंडिया विफल नहीं : निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के आरोपों को किया खारिज, कहा- इस सफल अभियान से विनिर्माण को मिली गति
विपक्ष द्वारा उठाये गये सवालों के जवाब दिए
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के बल पर ही रक्षा उत्पादों से देश को 13 हजार करोड़ रुपये की शुद्ध आय हुयी है।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेक इन इंडिया अभियान के विफल होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुये राज्यसभा में कहा कि यह अभियान सफल रहा है और देश में विनिर्माण को गति दी है। सीतारमण ने सदन में विनियोग विधेयक 2025, विनियोग (संख्या दो) विधेयक 2025, मणिपुर विनियोग (लेखानुदान) विधेयक 2025 और मणिपुर विनियोग विधेयक 2025 पर हुयी चर्चा का जवाब देने के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाये गये सवालों के जवाब दिये। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के बल पर ही रक्षा उत्पादों से देश को 13 हजार करोड़ रुपये की शुद्ध आय हुयी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार को भी विनिर्माण के लिए मदद की जा रही है। भारत की परिसंपत्तियां और देयताएं कई उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं और कुछ विकसित देशों की तुलना में बहुत बेहतर हैं। भारत का घरेलू ऋण अन्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ कुछ विकसित देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है, सिवाय ब्राजील के, जहाँ यह 35 प्रतिशत है। हमारा ऋण 39 प्रतिशत के साथ अधिक है। एक तकनीकी अनुपूरक है जिसके लिए अनुदानों की अनुपूरक माँगें शामिल हैं। दिए गए अनुदानों के बीच एक खंड से दूसरे खंड में बचत का उपयोग करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। इसके अलावा अतिरिक्त व्यय को समवर्ती प्राप्तियों या वसूली के साथ मिलान किया जाता है। सदन ने इन धन विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी के साथ लोकसभा को लौटा दिया।

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