पूरे भारत में दिखाई देगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण
सी ही घटना का दुनिया गवाह बनेगा
हम दो तरह के ग्रहण को जानते हैं, पहला है सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण। हमारे सौरमंडल में सूर्य अपनी जगह पर है और लगभग हर खगोलीय पिंड इसका चक्कर लगा रहा होता है।
वॉशिंगटन। अक्टूबर का महीना खगोलीय घटनाओं से भरा हुआ है। अमेरिका में लोगों ने 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण देखा था। अब दो हफ्ते के बाद एक और ऐसी ही घटना का दुनिया गवाह बनेगा। ये घटना है चंद्र ग्रहण की। सूर्य ग्रहण तब लगा था जब भारत में रात हो गई थी, इस कारण यह हमें नहीं दिखा था, लेकिन अक्टूबर में ही होने वाले चंद्रग्रहण को भारत और एशिया का एक बड़ा हिस्सा देख सकेगा। यह चंद्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर को लगेगा। हम दो तरह के ग्रहण को जानते हैं, पहला है सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण। हमारे सौरमंडल में सूर्य अपनी जगह पर है और लगभग हर खगोलीय पिंड इसका चक्कर लगा रहा होता है। पृथ्वी और चांद भी एक साथ इसका चक्कर लगाते हैं। हालांकि खास बात है कि चांद इस दौरान पृथ्वी का भी चक्कर लगाता है। जब चांद पृथ्वी का चक्कर लगाता है तो कई बार ऐसा होता है कि वह पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। इस प्रक्रिया को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण: सूर्य ग्रहण जहां एक छोटे इलाके में दिखता है तो चंद्र ग्रहण दुनिए के एक बड़े हिस्से को दिखेगा। हमें यह यूरोप, एशिया, आॅस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिंक, हिंद महासागर में भी दिखेगा। पूरे भारत में भी यह दिखाई देगा। हालांकि इसे देखने के लिए आपको देर रात तक जगना पड़ेगा। चंद्र ग्रहण भारतीय समय के मुताबिक 29 अक्टूबर की रात 1:06 बजे पर शुरू होगा और 2:23 बजे पर खत्म होगा।
क्या होता है चंद्र ग्रहण
सूर्य ग्रहण के दौरान चांद की एक बड़ी परछाई धरती पर पड़ती है। जिस जगह परछाई पड़ती है सूर्य ग्रहण उन इलाकों में साफ दिखता है। इन जगहों पर सूर्य पूरा ढका या फिर आधा ढका दिखता है। वहीं अगर चंद्र ग्रहण की बात करें तो इसमें चांद, सूर्य और धरती एक लाइन में आ जाते हैं। सूर्य और चांद के बीच धरती होती है। धरती की परछाई चांद पर पड़ती है। लेकिन यह सूर्य ग्रहण की तरह पूरा काला नहीं हो जाता। बल्कि इसका रंग लाल दिखता है।
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