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Read More... PDS में मिलेगा तीन माह बाजरा, किसानों से दस लाख मीट्रिक टन बाजरे की एमएसपी पर होगी खरीद
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इसके बाद राजस्थान देश का दूसरा राज्य होगा, जहां किसानों से बाजरे की खरीद की जाएगी। मोटे अनाज क्यों हैं इतने महत्वपूर्ण?
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सिंधु घाटी सभ्यता यानी लगभग 3000 ईसा पूर्व भारत में मोटे अनाजों की खेती होती थी, इसके साक्ष्य पाए गए हैं। जानकारों के अनुसार सबसे पहले भारत से ही मोटे अनाज की कई किस्मों की खेती की शुरुआत हुई थी। हमारे बाजरे से रु-ब-रु होंगे दुनिया के देश
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कदन्न वर्ष के बाद जिस तरह से 2021-22 में बाजरा के निर्यात में 8 प्रतिशत से भी अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, उससे यह साफ हो जाता है कि विदेशों में बाजरा सहित भारतीय मोटे अनाज की मांग बढ़ेगी और इसका लाभ देश के किसानों को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से मिलेगा। अनाज का संकट दूर कर सकता है बाजरा
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एक अनुमान के अनुसार, दुनिया की लगभग आधी आबादी चावल पर और एक तिहाई आबादी गेहूं पर निर्भर है। हालांकि वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। ऐसे में इस अनाज को लेकर लोगों की धारणा बदल सकती है। बरसात से खिले किसानों के चेहरे, बाजरे की बिजाई में जुटे
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कस्बे सड्डहत ग्रामीण अंचल में रड्डववार को इंद्र देव मेहरबान रहे। यहां करीब ढेढ़ घण्टे तक जमकर बरसात हुई। इस दौरान शहर के ड्डनचले इलाकों में पानी भर गया। सड़के दड्डरया बन गई। 