अस्पताल में चिकित्सकों का टोटा, मरीज और आमजन परेशान

राजकीय उप जिला चिकित्सालय अटरू के हालात बद से बदतर

अस्पताल में चिकित्सकों का टोटा, मरीज और आमजन परेशान

चिकित्सालय में चिकित्सक नहीं होने से सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आने लगी है।

अटरू।  सूबे की सरकार जहां आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के तमाम सरकारी दावे कर रही है। वहीं अटरू के राजकीय उप जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों का टोटा होने से आमजन परेशान हो रहे हैं। बीती सरकार के समय में तत्कालीन विधायक पानाचंद मेघवाल ने मशक्कत कर अटरू के राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय को उप जिला चिकित्सालय का दर्जा दिलवाया, मगर चिकित्सालय में चिकित्सक नहीं होने से सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आने लगी है।  जिला बारां के ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को घर द्वार पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने वाले उप जिला स्वास्थ्य केंद्र के हालात बद से बदतर हो गए हैं।

ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी समेत मात्र 4 चिकित्सक दे रहे सेवा 
वहीं चिकित्सालय में 22 चिकित्सकों की तैनातगी की एवज में मात्र ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी समेत मात्र 4 चिकित्सक हैं।  जिनमें भी समय पर कोई नहीं रहते। शुक्रवार को भी स्थानीय चिकित्सालय में मात्र शिवराज वैष्णव ही मरीजों से जूझते देखे गए। वहीं स्टाफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की कमी के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। स्थानीय जन प्रतिनिधियों, विधायक से कह कहकर थक गए, मगर चिकित्सालय में स्टाफ नहीं बढ़ाया। वहीं जिला चिकित्सा अधिकारी का भी यहां के चिकित्सालय पर कोई ध्यान नहीं है। वर्तमान में जहां ओपीडी में मरीजों का आंकड़ा 700 पार चल रहा है। ऐसे में चिकित्सक न होना शासन व्यवस्था पर सवालियां निशान लगाते हैं।

मैं मेरे बच्चे को दिखाने आया था, मगर पूरे अस्पताल में केवल एक ही डाक्टर मरीजों को देख रहा है। वहां भी भीड़ लगी हुई है। यहां पर न तो कोई बच्चों का डाक्टर है न हीं यहां पर महिलाओं के लिए कोई डाक्टर है। सबको केवल एक ही डाक्टर देखता है। 
- रामसागर, ग्रामीण। 
 
मैं यहां पर डाक्टर को दिखाने आया था। 11 बजे डाक्टर ने  ब्लड प्रेशर की जांच लिखी। जांच करवा के में दुबारा डाक्टर को दिखाने 11.20 पर गया तो कमरे में एक भी डाक्टर नहीं मिला। दूसरे रूम में केवल एक ही डाक्टर देख रहा है। वहां पर मरीजों की संख्या ज्यादा होने से मुझे बिना दिखाए ही आना पड़ा है। यहां केवल एक ही डाक्टर मिलता है। 
- जितेन्द्र सिंह, मरीज। 

उप जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को लिखित में अवगत कराया गया है।
-  डॉ. केशवराज नागर, चिकित्सा प्रभारी, अटरू राजकीय उप चिकित्सालय

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