गौण मण्डी पर मंडराया राजनीतिक उदासीनता का खतरा, कोई धणीधोरी नहीं
किसानो के सपने रहे अधूरे, जिंस को मजबूरी में बेच रहे बिचैलियों को
गौण मण्डी कैसे शुरू हो इसके लिए अन्य संसाधन के लिए प्रोपोजल बनाये जाने एंव बजट के बारे में कोई रूचि अधिकारियो ने नहीं दिखाई
नैनवां। वर्षो तक नैनवां क्षेत्र के किसान, व्यापारी,मजदूर गौण मण्डी की सौगात को लेकर तरसते रहे। कांग्रेस शासन में तत्कालीन राज्यमंत्री अशोक चांदना के प्रयास के बाद स्टेट हाईवे 34 बरड़ा के बालाजी के पास 50 बीघा भूमि राज्य सरकार ने नि:शुल्क आवंटित की गई। पट्टा मिला बजट मिला लेकिन कार्य पूर्ण नहीं हुआ। इतना ही नहीं गौण मण्डी कैसे शुरू हो इसके लिए अन्य संसाधन के लिए प्रोपोजल बनाये जाने एंव बजट के बारे में कोई रूचि अधिकारियो ने नहीं दिखाई।
कोई धणीधोरी नहीं
समय बदला राज्य में कांग्रेस सरकार के बाद भाजपा की सरकार आ गई। क्षेत्र की जनता सत्ता के साथ नहीं रही। हालात ऐसे बने कि क्षेत्र में राजनैतिक उदासीनता छा गई। इसका सीधा असर विभाग के अधिकारियो में देखा गया। कृषि मण्डी देई से जुड़े अधिकारी हो या कृषि विपणन बोर्ड़ से जुड़े अधिकारियो ने नैनवां में स्वीकृत गौण मण्डी के प्रति उदासीनता बरती ओर कार्य पूर्ण होने से पूर्व ही बंद हो गया। राजनैतिक उदासीनता के चलते इस वर्ष भी नैनवां शहर सहित देहात क्षेत्र के लोगो को नैनवां स्टेट हाईवे 34 पर 50बीघा भूमि पर बनाई जा रही गौण मण्डी का फायदा नहीं मिल पाया है। कृषि विपणन बोर्ड़ के अधिकारियो की लापरवाही से गौण मण्डी के विकास कार्य अधर में है। क्षेत्र के किसानो को अपनी जिंस मजबूरी में बिचैलियो को औने पौने दामो पर बेचना पड़ रहा है। किसान महापंचायत के पदाधिकारियो ने बताया कि किसान कौम ही हमेशा राजनैतिक की शिकार होती है। किसानो को अपनी उपज का उचित दाम मिले। किसानो के घर पर ही खुशहाली आये। कोई भी राजनैतिक दल किसानो के प्रति गंभीर नहीं है। नैनवां क्षेत्र के किसानो की मांग को लेकर जून 2023 में राज्य सरकार द्वारा बरड़ा के बालाजी के पास स्टेट हाईवे 34 पर 50 बीघा भूमि नि:शुल्क आंवटित की गई थी।
उम्मीद जगी लेकिन कार्य अधर में
नैनवां गौण मण्डी के नाम राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क आवंटन के बाद देई कृर्षि उपज मण्डी द्वारा गौण मण्डी का पट्टा जारी किया गया था। इसके बाद अगस्त 2023 में कृषि विपणन विभाग के आरएसएएमबी कोटा डिवीजन द्वारा एक करोड़ 38 लाख 15 हजार रुपए का कार्य आदेश जारी किया था। जिसमें गौण मण्डी के नाम आवंटित 50बीघा के चारो ओर चारदीवारी मंडी का गेट बनाया जाना था। लेकिन गौण मण्डी कार्य के लिए अधिकृत संवेदक ने गौण मण्डी के चारो ओर दिवार का निर्माण तो करवा दिया लेकिन गौण मण्डी गेट सहित अन्य कार्य अधूरे छोड़ कर कार्य बंद कर दिये। मामले की जानकारी देई कृषि उपज मण्डी के सचिव फतेह सिंह मीणा से लेने पर बताया कि संवेदक को अब तक चार बार नोटिस जारी कर दिया है।एक नोटिस कृषि विपणन विभाग कोटा के अधिशाषी अभियंता द्वारा जारी किया गया है।
देई कृषि उपज मण्डी में पहुंच रही क्षमता से अधिक जिंस
नैनवां गौण मण्डी शुरू नहीं होने का असर अब देई कृषि उपज मण्डी देई में देखने को मिल रहा है। देई कृषि मण्डी में क्षमता से अधिक जिंसो की आवक होने से व्यवस्था खराब होने लगी है। किसानो ने बताया कि नैनवां गौण मण्डी इस वर्ष शुरू हो जाती तो किसान अपनी जिंसो को नैनवां गौण मण्डी में लेकर आते। गौण मण्डी शुरू होने से यहां के लोगो को रोजगार मिलता एंव किसानो को भी मजबूरी में बिचैलियो को अपनी जिंस नहीं बेचना पड़ता। किसान महापंचायत राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि नैनवां गौण मण्डी सुचारू रूप से चले किसानो को फायादा मिले इसको लेकर कृषि विपणन बोर्ड़ के चीफ इंजनियर बलराम मीणा से वार्ता की गई। उन्होने बताया कि नैनवां गौण मण्डी के लिए संभाग के अधिकारियो से वार्ता की जा रही है। गौण मण्डी की समतलीकरण,प्लेटफार्म,भंडारण सहित दूकानो का आवंटन को लेकर अधिकारियो को प्रोपोजल बनाये जाने के लिए निर्देशित किया है।
कृषि विपणन विभाग के आरएसएएमबी कोटा डिवीजन द्वारा गौण मण्डी के चारों ओर दिवार निर्माण सहित गेट निर्माण के लिए एक करोड़ 38 लाख 15 हजार का बजट स्वीकृत हुआ था। लेकिन संवेदक द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करके कार्य बंद कर दिया है। विभाग द्वारा बार बार नोटिस दिया जा रहा है। शीघ्र ही कार्य शुरू नहीं किया गया तो संवेदक के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
- फतेह सिंह मीणा, कृषि मण्डी सचिव, देई।
नैनवा में स्वीकृतं गौण मण्डी को लेकर दोनो दलो के राजनैतिक लोगो द्वारा किसानो की उपेक्षा की जा रही है। किसान अपनी जिंस को बेचने के लिए बिचैलियो के चक्कर लगाने पर मजबूर हो रहा है। शीघ्र ही सरकार द्वारा नैनवां गौण मण्डी को चालू नहीं किया गया तो किसानो को लेकर किसान महापंचायत की ओर से उग्र आन्दोलन किया जाएगा।
- कजोड़मल धाकड़ एंव भरतराज मीणा, किसान व नेता।
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