मौसमी बीमारियों के कंट्रोल की कवायद एसएमएस में अलग से चलेगा ओपीडी
प्रदेश में मेडिकल टीमों के फील्ड में सेवाओं का वैरिफिकेशन होगा
स्टेट कंट्रोल रूम और जिले में सीएमएचओ कार्यालय के कन्ट्रोल रूम में दर्ज समस्याओं, चिकित्सा संबंधित डिमांड इत्यादि का भी 24 घण्टे में समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
जयपुर। प्रदेश में मौसमी बीमारियों के कंट्रोल को चिकित्सा विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने शासन सचिवालय में समीक्षा बैठक ली। इसमें उन्होंने बीमारियों की प्रभावी रोकथाम के लिए फील्ड में लगाई गई मेडिकल टीमों की चिकित्सा सेवाओं की सुपरवाइजरी स्टाफ से वैरिफिकेशन कराने के आदेश दिए हैं ताकि उनकी मौजूदी तय हो सके। वहीं इनकी संख्या बढ़ाने और जिलेवार मौसमी बीमारी की समीक्षा करने के आदेश भी दिए हैं।
कहा कि एलएचवी, सीएचओ, आशा कॉर्डिनेटर से लेकर संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी इसके लिए मिशन मोड में काम करें। मॉनिटरिंग प्रभावी हो। सवाई मानसिंह अस्पताल में मौसमी बीमारी के रोगियों के लिए अलग से ओपीडी का संचालन किया जाएगा। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि आपातकालीन सेवाओं के सामने वाहन शाखा एवं क्रिटिकल केयर ब्लॉक के पास प्रात: 8 से रात्रि 8 बजे तक ओपीडी का संचालन किया जाएगा। मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष इस ओपीडी के प्रभारी होंगे। ट्रॉपिकल मेडिसिन विभाग भी इसमें आवश्यक सहयोग करेगा।
कन्ट्रोल रूम में दर्ज शिकायतों का 24 घंटे में करना होगा निस्तारण
स्टेट कंट्रोल रूम और जिले में सीएमएचओ कार्यालय के कन्ट्रोल रूम में दर्ज समस्याओं, चिकित्सा संबंधित डिमांड इत्यादि का भी 24 घण्टे में समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही मौसमी बीमारियों की स्थिति की प्रतिदिन समीक्षा कर अगले दिन की योजना तैयार करें एवं निदेशालय में दैनिक रिपोर्ट भेजने को कहा है। बचाव के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए भी कहा है।
रेस्पॉन्स टीमें ज्यादा सक्रिय रहेंगी
उन्होंने मौसमी बीमारियों से प्रभावित जिलों और क्षेत्रों पर खास फोकस कर नियंत्रण के काम करने, रेपिड रेस्पॉन्स टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में ज्यादा भेजने के निर्देश भी दिए हैं। यहां एन्टी लार्वा, मच्छर रोधी, फोगिंग, सोर्स रिडक्शन आदि गतिविधियों भी तेज करने को कहा है। बैठक में अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल एवं उप निदेशक मलेरिया डॉ. निर्मला शर्मा उपस्थित रहे।
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