जयपुर स्टेशन बना राजस्थान का पहला एनएसजी-1 स्टेशन
उत्तर पश्चिम रेलवे के स्टेशनों का पुनर्वर्गीकरण
जयपुर स्टेशन पर पुनर्वर्गीकरण के फलस्वरूप अब वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए अलग प्रतीक्षालय का प्रावधान किया जायेगा।
जयपुर। रेलवे स्टेशनों का आय के आधार पर वर्गीकरण किया जाता है। वर्गीकरण के अनुसार स्टेशनों पर न्यूनतम आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाती है। हर 5 वर्ष में इस वर्गीकरण की समीक्षा कर पुनर्वर्गीकरण किया जाता है। इसी क्रम में रेलवे बोर्ड की ओर से स्टेशनों के वर्गीकरण की समीक्षा कर स्टेशनों को अपग्रेड कर सूची जारी की गई है। इस सूची में जयपुर स्टेशन को एनएसजी-1 में शामिल किया गया है। राजस्थान में पहली बार किसी स्टेशन को एनएसजी-1 की श्रेणी प्रदान की गई है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे के स्टेशनों का एनएसजी-1 से लेकर एनएसजी-6 तक वर्गीकृत किया गया है। कुल 58 स्टेशनों का उच्च वर्ग में उन्नयन किया गया है। जयपुर स्टेशन का एनएसजी-2 से एनएसजी-1 में उन्नयन किया गया है। बीकानेर और उदयपुर स्टेशनों को भी एनएसजी-3 से एनएसजी-2 में उन्नयन किया गया है। 13 स्टेशनों का एनएसजी-4/5 से एनएसजी-3 में, 9 स्टेशनों का एनएसजी-5 से एनएसजी-4 तथा 33 स्टेशनों का उन्नयन एनएसजी-6 से एनएसजी-5 में किया गया है।
जयपुर स्टेशन पर पुनर्वर्गीकरण के फलस्वरूप अब वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए अलग प्रतीक्षालय का प्रावधान किया जायेगा। इसी तरह बीकानेर और उदयपुर स्टेशनों के वर्ग में उन्नयन के कारण फूड प्लाजा, प्रीपेड टैक्सी सेवा और एसी वीआईपी/ एक्जीक्यूटिव लाउंज का प्रावधान किया जायेगा। इसी तरह उन्नयन के फलस्वरूप कई स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन इंडिकेटर बोर्ड, वाटर वेंडिंग मशीन, बॉटल क्रशर मशीन आदि का प्रावधान किया जायेगा।
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