एमएसपी खरीद को बायो मैट्रिक मशीन लगेगी किसान बीमा घोटाले की जांच होगी : गौतम दक
अनुदान मांगों के पारित होने के पहले मंत्री ने दिया जवाब
पूर्व सरकार के वक्त किसानों के सहकार जीवन सुरक्षा और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना में जीवन सुरक्षा में 31 लाख किसानों से 360 करोड़ का प्रीमियम लिया।
जयपुर। सहकारिता मंत्री गौतम दक ने सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद मांगों के पारित होने से पहले कहा कि समर्थन मूल्य केन्द्रों पर एमएसपी उपज खरीद में अब किसान को ठगा नहीं जा सकेगा। खरीद केन्द्र पर अब बायोमेट्रिक मशीनें लगाएंगे। ताकि किसान के सामने उसकी खरीद कराई जाएगी। एप भी विकसित करेंगे, जिस पर शिकायत होने पर कार्रवाई होगी। मैं भी उस एप से जुडूंगा। आकस्मिक निरीक्षण जांच दल बनाएंगे। खरीद से पहले इसका प्रचार प्रसार भी करेंगे ताकि किसान अपडेट रहे। पूर्व सरकार के वक्त किसानों के सहकार जीवन सुरक्षा और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना में जीवन सुरक्षा में 31 लाख किसानों से 360 करोड़ का प्रीमियम लिया। वहीं दुर्घटना बीमा में 96 करोड़ लिया गया। हमारी सरकार ने टेंडर करवाए तो 360 की जगह 181 करोड़ और 96 करोड़ की जगह 92 करोड़ ही प्रीमियत लगा। हमने किसानों के 187 करोड़ बचाए। कहा कि 2023-24 में बीमा कंपनियों ने प्रीमियम के नाम पर किसानों से लूट की। इसकी जांच कराएंगे। बीमा कंपनियां और अधिकारी दोषी मिलेंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। कहा कि सहकारी समितियों के गबन घोटाले की चर्चा भी सदन में हुई। सोसायटी खुद स्वायत्त शासन संस्था है। संचालक मंडल चलाता है। उन्हें नियम पता नहीं होते। अभाव में व्यवस्थापक घोटाला कर लेता है। संचालक मंडल को पता ही नहीं होता है। इसके लिए उन्हें जागरूक करने का काम करेंगे। उन्हें प्रशिक्षण भी देंगे। बीती सरकार में गबन के 850 के प्रकरण लंबित थे। पांच साल में कांग्रेस ने रिव्यू नहीं किया। हमने समीक्षा करके 600 प्रकरण निस्तारित कर दिए हैं। सोसायटी में अब घोटाला होगा तो प्रयास करेंगे कि एक माह में उसका निस्तारण हो। सोसायटी में अनियमितता मिली तो एफआईआर तक दर्ज कराई है।
नया कॉपरेटिव कोड लागू होगा
कहा कि सहकारिता अधिनियम बने 25 साल हो गए। सोसायटीज, क्रेडिट सोसायटी, दुग्ध समितियों इत्यादि के लिए अधिनियम में आवश्यकता अनुसार संशोधन करना जरूरी है। ताकि संचालन में पारदर्शिता आ सके। अब सरकार जल्द नया कॉपरेटिव कोड लागू करेगी। कई राज्यों के कॉपरेटिव कोड की स्टडी करवा ली गई है। पब्लिक डोमेन से भी सुझाव लिए हैं। प्रयास करेंगे इसी सत्र में अधिनियम में संशोधन ला सकें। इस साल सरसो, चने की खरीद की प्रक्रिया में जो सुधार होने चाहिए, वे कर रहे हैं। पहले एक व्यस्थापक को तीन-चार जगहों का चॉर्ज दिया जाता था। अब एसओपी जारी की है। एक व्यवस्थापक को एक समिति का चॉर्ज देंगे।
ये उपलब्धियां गिनाई
किसान की उपज की भंडारण की कभी चिंता नहीं हुई। हमने पहली बार सोसायटी को पांच सौ मैट्रिक टन गोदाम दिए गए। 150 गोदामों की मंजूरी दे दी है। निर्माण कार्य चल रहा है। इस साल भी 16 गोदाम, 250 एमटी के 50 गोदाम दिए हैं। 1 लाख 13 हजार एमटी की भंडारण क्षमता बढ़ेगी। जीएसएस की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है।
सरसो में 900, चने में 420, मूंग में 930, मूंगफली में 933 सहित अन्य उपज में प्रति क्विंटल पैसा बढ़ाया हैं। अभी सरसों की 3.51 लाख की खरीद रबी में, मूंग की 1.45 लाख की खरीद की। सोयाबीन 91 हजार एमटी, मूंगफली में 4.30 लाख एमटी की खरीद की। कांग्रेस सरकार में चार साल में इन्होंने इतनी नहीं खरीद नहीं की।
कर्मियों की डीपीसी नहीं हुई थी, उन्हें कर दिया गया है। रिक्त पदों को भरने के लिए राजफैड और बैंक की भर्ती निकाली गई। अगले माह परीक्षा हो जाएगी।
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