पेट्रोकेमिकल रिफाइनरी कॉम्पलेक्स: काम को रफ्तार मिली 29 फीसदी काम हुआ, लेकिन मार्च में शुरू होने पर संशय
भाजपा की सरकार बनने के बाद इसे मार्च-2025 तक तैयार करने का टारगेट दिया गया था
राजस्थान में वर्ष 2013 में रिफाइनरी बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था।
जयपुर। राजस्थान की जमीन से निकलने वाले पेट्रोलियम उत्पादन को यहीं तैयार करने के लिए बाड़मेर के पचपदरा में तैयार हो रही पेट्रोकेमिकल रिफाइनरी कॉम्पलेक्स का काम भजनलाल सरकार में तेजी गति से हो रहा है। एक साल में 29 फीसदी काम पूरा हुआ है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद इसे मार्च-2025 तक तैयार करने का टारगेट दिया गया था, लेकिन फिलहाल इसमें संशय नजर आ रहा है, क्योंकि अभी तक 90 फीसदी ही काम पूरा हुआ है। 10 फीसदी काम बाकी है।
राजस्थान में वर्ष 2013 में रिफाइनरी बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था। इसके बाद एक बार प्रदेश में भाजपा की वसुन्धरा राजे सरकार और एक बार कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार प्रदेश में रह चुकी है, लेकिन दिसम्बर 2023 यानी 10 साल में रिफाइनरी का 61 फीसदी ही काम पूरा हो सका। काम की रफ्तार करीब 6.1 फीसदी औसत सालाना रही। हालांकि इसके बाद सीएम भजनलाल शर्मा की सरकार बनने के बाद एक साल में इसके काम में तेजी से काम हुआ, काम की गति 29 फीसदी यानी बीते सालों के मुकाबले करीब 4.5 गुना रही।
सरकार बनने के बाद सीएम ने रिफाइनरी को लेकर बैठक ली थी। जिसमें मार्च 2025 तक इसके काम को पूरा कर क्रूड ऑयल से पेट्रोलियम उत्पादन शुरू करने का टारगेट दिया गया था, लेकिन फिलहाल इसमें टारगेट समयावधि से दो-तीन माह और ज्यादा लग सकते हैं। बीते दो सरकारों में काम की धीमी रफ्तार और पॉलिटिकल्स माइलेज में फंसने के कारण रिफाइनरी की कीमत जो 37230 करोड़ रुपए थी, वो अब बढ़कर करीब 75 हजार करोड़ के करीब हो गई है। शुक्रवार को सीएम भजनलाल शर्मा रिफाइनरी का दौरा करने जा सकते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि इसके काम को और अधिक दू्रत गति मिले। पूर्व में मुख्य सचिव सुधांश पंत भी यहां प्राजेक्ट्स की समीक्षा करने खुद जा चुके हैं।
अब तक ये बड़े काम पूरे :
वर्तमान में बीएस-6 मानक की अत्याधुनिक रिफाइनरी में 10 प्रोसेस यूनिट का करीब 93-95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। कू्रड वैक्यूम डिस्टीलेशन यूनिट व डिलेट कॉकर यूनिट का 94 फीसदी काम हो चुका है। हाइड्रोजन जनरेशन यूनिटडीजल हाइड्रोजन यूनिट का 97 फीसदी, वीजीजो-एचडीटी यूनिट का 92 फीसदी काम हो चुका है। अन्य यूनिटों का काम अभी काफी बाकी है।
रिफाइनरी से रोज 150 करोड़ रुपए की होगी आय :
हिन्दूस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और राज्य सरकार के इस संयुक्त उपक्रम के शुरू होने के बाद सरकार के खजाने में रोज धन बरसेगा। प्रतिदिन 150 करोड़ रुपए की आय होगी। नौ एमएमटीपीए पेट्रोलियम उत्पादन क्षमता की इस रिफाइनरी से प्रतिदिन 5.5 लाख बैरल पेट्रोलियम उत्पादन की उम्मीद है। पेट्रोलियम एवं खान विभाग के मुताबिक प्रदेश की जमीन में क्रूड आॅयल का करीब 4 अरब बैरल का भंडार है।
एक लाख करोड़ से ज्यादा क्रूड ऑयल से मिले :
पश्चिमी राजस्थान में रोज करीब 1.85 लाख बैरल कू्रड ऑयल का उत्पादन हो रहा है। दस साल में इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब तक 1.20 लाख करोड़ से ज्यादा का राजस्व केन्द्र और राज्य सरकार के खाते में इस क्रूड ऑयल से आ चुका है। इसमें 75 लाख करोड़ केन्द्र और 45 करोड़ रुपए राजस्थान के खजाने में आए हैं।
8 हजार करोड़ के अन्य प्रोडेक्ट्स कॉम्पलेक्स में बनेंगे :
जानकारी के अनुसार रिफाइनरी के साथ यहां इंटीग्रेटेड पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स भी तैयार हो रहा है। जिस पर करीब 8 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। पूरा प्रोजेक्ट 900 एकड़ जमीन पर है। इस पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स में क्रूड ऑयल से पेट्रोलियम उत्पादन के बाद बचे वेस्ट से अन्य कई तरह के उत्पाद का उत्पादन भी होगा।
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