मुकुंदरा की सफारी में आए केवल 250 पर्यटक, रामगढ़ भर रही उड़ान

रामगढ़ के मुकाबले पिछड़ रहा मुकुंदरा

मुकुंदरा की सफारी में आए केवल 250 पर्यटक, रामगढ़ भर रही उड़ान

एक साल में मुकुंदरा में 250 पर्यटक, रामगढ़ में 3 माह में ही 900 ने की सफारी।

कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी शुरू हुए करीब 13 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। इसके बावजूद  पर्यटकों का रुझान नहीं बढ़ सका। अब तक यहां मात्र 250 पर्यटक ही सफारी के लिए आए हैं। जबकि, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में पिछले तीन माह में ही 900 पर्यटक जंगल सफारी का लुफ्त उठा चुके। दोनों टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में रात-दिन का अंतर अधिकारियों के प्रबंधन और सफारी के प्रति इच्छा शक्ति का भाव प्रकट करता है।  

मुकुंदरा में 1 तो रामगढ़ में 9 जप्सी से सफारी
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी के लिए 4 रुट्स निर्धारित किए हुए हैं। लेकिन  सफारी मात्र दरा रेंज में एक रुट्स पर ही चल रही है। जहां एक ही जिप्सी के भरोसे पर्यटकों को सफारी करवाई जा रही है। छह से ज्यादा पर्यटकों के आने पर दूसरी गाड़ी नहीं मिलती है और उन्हें दोपहर की अगली पारी के लिए 6 घंटे इंतजार करना पड़ता है। जबकि, रामगढ़ टाइगर रिजर्व में 9 जिप्सी रजिस्टर्ड हैं। यहां आने वाले पर्यटकों को आसानी से बुकिंग मिल जाती है। लेकिन, मुकुंदरा में विजिटर्स को भटकना पड़ता है। 

13 माह में मुकुंदरा ने 2.20 लाख तो रामगढ़ ने 3 माह में ही कमा लिए 7.24 लाख 
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी अक्टूबर 2023 में शुरू की गई थी। तब से अब तक 13 महीने में करीब 2 लाख 20 हजार रुपए का ही राजस्व मिला है। जबकि, रामगढ़ टाइगर रिजर्व की बात करें तो यहां वर्ष 2023 में अक्टूबर से दिसम्बर तक मात्र तीन महीने में 7 लाख 24 हजार रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है। हालांकि, आरवीटीआर में 9 जप्सी रजिस्टर्ड है। जबकि, एमएचटीआर में सिर्फ 1 जिप्सी के भरोसे ही पर्यटकों को सफारी करवाई जा रही है। दोनों रिजर्व में पर्यटकों की संख्या व राजस्व के आंकड़ों में रात-दिन का अंतर अधिकारियों की कार्यप्रणाली, कार्य दक्षता, प्रबंधन और रुचि को प्रदर्शित करता है।

यहां 13 माह में 250 और वहां 3 माह में 900 पर्यटकों ने की सफारी 
जंगल सफारी के प्रति रुझान वन अधिकारियों के प्रबंधन और इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। मुकुंदरा और रामगढ़ दोनों टाइगर रिवर्ज में सफारी बफर जोन में करवाई जाती है। इसके बावजूद एक साल में मुकुंदरा में पर्यटकों की संख्या निराशाजनक रही, जबकि रामगढ़ में पिछले तीन महीने के ही आंकड़े उत्साहवर्धक रहे हैं। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 1 अक्टूबर 2023 से अब तक मात्र 250 पर्यटक ही सफारी के लिए दरा पहुंचे हैं। इसके ठीक विपरीत रामगढ़ टाइगर रिजर्व में गत वर्ष अक्टूबर से दिसम्बर तक के तीन माह में ही 900 विजिटर्स सफारी कर चुके हैं। 

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मुकुंदरा डीएफओ ने नहीं दिया जवाब
मामले को लेकर नवज्योति ने मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के डीएफओ मुथू एस को फोन किया था लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। 

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मुकुंदरा में पर्यटकों की संख्या में कमी के कारण
- मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में सफारी के लिए 4 रुट तय किए गए हैं लेकिन 1 ही रुट दरा अभयारण्य में सफारी करवाई जा रही है, जो शहर से करीब 70 किमी दूर है। जिसकी वजह से पर्यटक जाने में रुचि नहीं दिखाते। 
- दरा अभयारणय में एक ही जिप्सी के भरोसे सफारी चल रही है। पर्यटकों को दोपहर की पारी के लिए 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। 
- शहर के बीच मुकुंदरा के शेष 3 रुट्स पर सफारी शुरू नहीं किया जाना सबसे बड़ा कारण है।
- वर्तमान में मुकुंदरा में तीन टाइगर हैं। जिनमें से बाघ  एमटी-5 व बाघिन एमटी-6 का मूवमेंट बोराबांस, कोलीपुरा व जवाहर सागर रेंज में रहता है। जिस रुट पर सफारी है वहां टाइगर नहीं है। हालांकि, दरा में 5 हैक्टेयर के एनक्लोजर में अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से शिफ्ट की गई बाघिन है, जिसकी रिवाइल्डिंग की जा रही है। ऐसे में यहां पर्यटकों को टाइगर देखने को नहीं मिलते। 
- सफारी को आने वाले पर्यटकों में मुख्यत: टाइगर आकर्षण रहता है, लेकिन इस रुट्स में टाइगर नहीं होने से भी पर्यटक यहां नहीं आते। 
- मुकुंदरा में जंगल सफारी का प्रचार प्रसार की भारी कमी है। 
- दरा में ट्यूरिस्ट सेंटर नहीं होने से लोगों को कहां से टिकट मिलेंगे और कहां से जिप्सी मिलेगी, इसकी जानकारी नहीं मिल पाती। 
- बुनियादी सुविधाओं व वन अधिकारियों में इच्छा शक्ति का अभाव।
- दरा रेंज में सफारी रुट पर सावनभादौ डेम भी आता है, जहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षी, वन्यजीव व मगरमच्छों की अच्छी साइटिंग होती है। लेकिन इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए कहीं भी कैफेटेरिया नहीं है। 

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मुकुंदरा और रामगढ़ दोनों ही सफारी को लेकर प्राइमरी स्टेज पर हैं। अभी पूरी तरह से सुविधाएं भी विकसित नहीं हुई हैं। यहां न तो बेहतर ट्रैक है और न ही अच्छी गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं। हालांकि, दोनों ही रिजर्व में सफारी का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। रही बात टाइगर की तो मुकुंदरा में तीन और रामगढ़ में दो टाइगर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- रामकरण खैरवा, संभागीय मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, वन विभाग कोटा

रामगढ़ टाइगर रिजर्व में सफारी के प्रति पटर्यटकों में रुझान बढ़ रहा है। यहां पिछले तीन महीने अक्टूबर से दिसम्बर 2024 तक 900 पर्यटकों ने जंगल सफारी कर चुके हैं। जिनसे सरकार को 7.24 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। यहां पर्यटकों की  संख्या बढ़ें, इसके लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। 
- संजीव शर्मा, डीएफओ रामगढ़ टाइगर रिजर्व

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