मनरेगा : मजदूरी देने के मामले में देश में पहले पायदान पर राजस्थान
कुशल श्रमिकों को मजदूरी दी गई
मनरेगा योजना के तहत देश में कुशल श्रमिकों को सर्वाधिक मजदूरी राजस्थान में दी गई।
जयपुर। मनरेगा योजना के तहत केन्द्र सरकार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रोटोकॉल के माध्यम से मजदूरी का भुगतान सीधे लाभार्थियों के खाते में कर रही है। मनरेगा के तहत राजस्थान में 1 अप्रैल से लेकर 16 दिसंबर, 2024 तक अकुशल श्रमिकों को बतौर पारिश्रमिक के रूप में 5 हजार 917 करोड़ तथा कुशल एवं अर्ध-कुशल श्रमिकों को 36 हजार 703 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
मनरेगा योजना के तहत देश में कुशल श्रमिकों को सर्वाधिक मजदूरी राजस्थान में दी गई। राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश में 28572 करोड़, बिहार में 15980 करोड़, तमिलनाडु में 14048 करोड़ और मध्य प्रदेश में 9376 करोड़ रुपए कुशल व अर्ध कुशल श्रमिकों को मजदूरी दी गई। वहीं, अकुशल श्रमिकों की श्रेणी में सर्वाधिक मजदूरी उत्तर प्रदेश में 6321 करोड़ दी गई। इसके बाद दूसरे नंबर पर राजस्थान में 5917 करोड़ मजदूरी दी गई। मनरेगा के तहत अकुशल श्रमिकों के लिए राजस्थान के लिए 266 रुपए मजदूरी दर तक की गई। कुशल कर्मचारियों के मामले में मजदूरी दर संबंधित राज्य सरकार की ओर से निर्धारित की जाती है। यह जानकारी राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने दी।
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