केंद्रीय मंत्री शेखावत ने डॉ. सुषमा महाजन के चित्रों की प्रदर्शनी का किया उद्घाटन, शेखावत ने कहा- कला ईश्वर की साधना करने और उसे प्राप्त करने का माध्यम
परिपूर्ण चित्रकारी कलाकार द्वारा केवल ब्रश और रंगों से खेलना नहीं, बल्कि स्वयं को जीने जैसा
कला ईश्वर की साधना करने और उसे प्राप्त करने का माध्यम है, यह कलाकार के भीतर से स्वत: ही प्रकट होता है
जयपुर। कला ईश्वर की साधना करने और उसे प्राप्त करने का माध्यम है। यह कलाकार के भीतर से स्वत: ही प्रकट होता है। डॉ. सुषमा महाजन के चित्रों में यह भाव स्पष्ट रूप से जाहिर होता है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने शनिवार को हीलिंग स्ट्रोक्स चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। शेखावत ने जयपुर शहर की वरिष्ठ चिकित्सक एवं चित्रकार डॉ. महाजन द्वारा बनाए चित्रों की ताज आमेर होटल में प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान कहा कि ऐसी परिपूर्ण चित्रकारी कलाकार द्वारा केवल ब्रश और रंगों से खेलना नहीं, बल्कि स्वयं को जीने जैसा है। उन्होंने बताया कि डॉ. महाजन ने कोविड महामारी के दौर में आपाधापी के बीच जीवन का अर्थ पाने के लिए चित्र बनाना शुरू किया। उन्होंने अपने चित्रों के जरिए न केवल स्वयं का, अपितु दर्शकों का भी जीने का नजरिया बदलने की असाधारण उपलब्धि हासिल की है। शेखावत के अनुसार डॉ. महाजन ने जो कला संसार रचा है, वह दर्शक के मन को तृप्त करने वाला है। इनका एक एक चित्र अंतर्मन से प्राकृतिक रूप से उभरा है। चित्रकार डॉ. महाजन ने अपनी कला यात्रा के बारे में बताया कि मानव जीवन के लिए मुश्किल दौर में अपने अंतर्मन की शांति के लिए मैने चित्र बनाना शुरू किया।
उन्होंने कहा कि कला व्यक्ति को सुकून देती है। मेरा अनुभव है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। जीवन में आनंद की प्राप्ति के लिए सभी को अपनी प्रतिभा अभिव्यक्त करनी चाहिए। इससे आप दूसरे को भी सुकून दे पाएंगे। ताज आमेर के जनरल मैनेजर देवराज सिंह ने कला प्रदर्शनी का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए कहा कि डॉ. महाजन की कला की खासियत यह है कि इनकी कोई विशिष्ट शैली नहीं है। वह अपने आप में कई शैलियों का संग्रह हैं।
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