अब नशेड़ियों का शिकार हुआ एरोड्राम चौराहे का टॉवर ऑफ लिबर्टी, बैसेमेंट में लगी केबल व पैनल चोरी
लाखों की केबल,पैनल, लाइट और फव्वारे हुए चोरी, दस दिन से बंद पड़ी लाइटों को किया फिर चालू
कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से करोड़ों रुपए की लागत से शहर में विकास व सौन्दर्यीकरण के कार्य करवाए गए थे
कोटा । शहर में नशेडियों का इतना अधिक आतंक हो गया है कि वे बीच चौराहा व पुलिस थानों के नजदीक तक चोरी करने से नहीं चूक रहे है। अब नशेड़ियों ने शहर के बीच एरोड्राम चौराहे की टावर्स आॅफ लिबर्टी को अपना शिकार बनाया है। चोर लाखों की केबल, पैनल, लाइटें व फव्वारे तक चोरी कर ले गए। जिससे दस दिन से टावर्स की लाइटें बंद पड़ी थी। जिन्हें सोमवार को सही कर शाम को फिर से चालुू किया गया है। कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से करोड़ों रुपए की लागत से शहर में विकास व सौन्दर्यीकरण के कार्य करवाए गए थे। जिनमें चौराहों को भी विकसित किया गया था। उसी के तहत शहर के बीच स्थित एरोड्राम चौराहे पर टावर्स आॅफ लिबर्टी का निर्माण कराया गया था। जिस पर आकर्षक लाटिें लगाई गई थी। रात के समय ये रंग बिरंगी और बदलती लाइटें लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। लेकिन हालत यह है कि पिछले करीब दस दिन से इन टावर्स की लाइटें बंद पड़ी हुई थी। इसका कारण नशेडियों द्वारा की गई चोरी है।
बैसेमेंट में लगी केबल व पैनल चोरी
एरोड्राम चौराहे पर बने टावर्स ऑफ लिबर्टी पर लगी लाइटों को जलाने के लिए इसके बेसमेंट में बिजली की केबल डाली हुई है। साथ ही यहां उसे कंट्रोल करने के लिए पैनल बॉक्स लगा हुआ है। लेकिन हालत यह है कि वहां न तो केबल है और न ही पैनल बॉक्स। एक बॉक्स तो टूटकर नीचे पड़ा हुआ था और दूसरा खाली है। जिसके अंदर से बिजली के महंगे उपकरण नशेड़ी चोरी कर ले गए। यहां लगी लाइटें, फव्वारे की टोटियां, बॉक्स का गेट समेत सामान चोरी हो गए। जिससे लाखों रुपए का सामान चोरी होने से टावर्स की लाइटें ही बंद हो गई।
लम्बे समय बाद तो हुई भी चालू
टावर्स की लाइटें महीने में कुछ ही दिन चल पाती है। जबकि अधिकतर समय बंद रहती है। अभी काफी समय तक लाइटें बंद थी। टावर्स के ऊपर तकनीकी खराबी होने से बनद लाइटों को चालू करने के लिए लाखों रुपए का पेड़ा महीनों तक बांधकर लाइटों को सही किया गया। कई दिन ट्रायल के बाद कुछ समय पहले ही ये लाइटें चालू हुई थी। उसके बाद नशेडियों द्वारा केबल व पैनल चोरी करने से फिर से दस दिन तक बंद रही।
सुरक्षा गार्ड तक नहीं
कांग्रेस सरकार के समय में जब इन चौराहों का विकास व सौन्दर्यीकरण कराया गया था। उस समय यहां सफाई के लिए कर्मचारी से लेकर सुरक्षा के लिए गार्ड तक लगाए गए थे। हालांकि गार्ड तो अभी भी लगे हुए बताए जा रहे हैं लेकिन कहीं नजर नहीं आते। यही कारण है कि नशेड़ियों को यहां से बिजली के कीमती सामान चोरी करने का मौका मिल गया। इतना ही नहीं यहां केबल व पैनल की सुरक्षा के लिए रैलिंग या जाली तक लगी हुई नहीं है। नीचे की तरफ रात में सुनसान व सन्नाटा होने से नशेड़ियों के लिए चोरी करना सुविधाजनक हो रहा है
दस दिन बाद चालू हुई लाइटें
केडीए के अधिशाशी अभियंता(विद्युत) पवन शर्मा ने बताया कि टावर्स आॅफ लिबर्टी की केबल व पैनल बॉक्स नशेड़ी चोरी करके ले गए थे। जिससे ये लाइटें बंद थी। उन्हें संवेदक के माध्यम से कहकर फिर से सही कराया है। दस दिन बाद सोमवार देर शाम को लाइटों को फिर से चालू किया गया है। यह काम संवेदक के ओ एंड एम के तहत ही कराया गया है। इसमें केडीए का कोई खर्चा नहीं हुआ है। शर्मा ने बताया कि स्मैकचियों व नशेड़ियों के कारण काफी परेशानी बढ़ गई है। कई बार थानों में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। वहां भी इतनी अधिक औपचारिकताएं पूरी करने पड़ती है कि रिपोर्ट करवाने में ही थानों में पूरा दिन लग जाता है।
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