नकली दवाईयों का जखीरा पकड़ा : फर्म से 3 करोड़ की दवाईयां जब्त, नहीं लिया लाइसेंस
वाईएल फार्मा की ओर से निर्मित की
टेबलेट विनसेटकृएल दवा की जांच के दौरान फर्म के एक पूर्व भागीदार गिरिराज अजमेरा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2019 में जी.के. एंटरप्राइजेज से अपनी भागीदारी छोड़ दी थी।
जयपुर। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय ने जयपुर स्थित एक फर्म से 3 करोड़ 73 लाख रुपए की नकली दवाइयां जब्त की गई हैं। विभाग के आयुक्त डॉ. टी शुभमंगला ने बताया कि जीके एंटरप्राइजेज में नकली दवाइयों का जखीरा पकड़ा गया है। औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि यह फर्म नकली एवं गैर-मानक घोषित दवाओं टेबलेट विनसेट-एल और एल्गीविनकृएम की बिक्री में संलिप्त पाई गई है, जो कि हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित वाईएल फार्मा की ओर से निर्मित की गई हैं।
टेबलेट विनसेटकृएल दवा की जांच के दौरान फर्म के एक पूर्व भागीदार गिरिराज अजमेरा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2019 में जी.के. एंटरप्राइजेज से अपनी भागीदारी छोड़ दी थी। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के अनुसार फर्म की संरचना में परिवर्तन होने पर तीन माह के अंदर नया लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होता है, लेकिन शेष भागीदार खेमचंद द्वारा अब तक किसी प्रकार का लाइसेंस प्राप्त नहीं किया गया। इस आधार पर इसके विरुद्ध बिना लाइसेंस संचालित औषधीय गतिविधियों का प्रकरण दर्ज किया है।

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