राजस्थान के विश्वविद्यालय देश की रैंकिंग में आएं आगे, इसकी करुंगा कोशिश : बागडे
मिलजुल कर प्रयास करेंगे
महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान में भी सहकारिता के अंतर्गत सोच बदलने का कार्य होगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के साथ विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता विकास के लिए कार्य होंगे।
जयपुर। राजस्थान के नए राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने कहा है कि कुलाधिपति के रूप में उनका इस तरफ ज्यादा फोकस रहेगा कि राजस्थान के विश्वविद्यालय पूरे देश में और विश्व भर में रैंकिंग में आगे आएं। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में शिक्षा माफियाओं का खात्मा हो। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि किसी भी स्तर पर गलती माफ नहीं की जाएगी। बागडे ने राज्यपाल पद की शपथ लेने के बाद बातचीत की। उन्होंने कहा कि राजस्थान सभी क्षेत्रों में आगे बढ़े, इसके लिए मिलजुल कर प्रयास करेंगे। महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान में भी सहकारिता के अंतर्गत सोच बदलने का कार्य होगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के साथ विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता विकास के लिए कार्य होंगे।
महाराष्ट्र-राजस्थान का निकट नाता
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजी नगर में और दूसरे स्थानों पर बहुत से राजस्थानी रहते हैं। महाराष्ट्र और राजस्थान का एक निकट का नाता बना हुआ है। प्रयास करेंगे कि दोनों के रिश्तों में मिलजुलकर सहकारिता की सोच के तहत राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि दुग्ध व्यवसाय से भी उनका निकट का नाता रहा है। गरीब लोगों को, जिनके पास खेती भी नहीं है उनके लिए यह व्यवसाय बहुत लाभकारी हो सकता है। ऐसे लोगों को दुग्ध व्यवसाय में आगे बढ़ाने के लिए कार्य होगा।
खिलाड़ियों को देंगे सुविधाएं
उन्होंने कहा कि ओलम्पिक में कई सालों से भारतीय खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ओलम्पिक में भारत का नाम हो, इसके लिए खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उद्यमिता को प्रोत्साहन देने वाले पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देकर कार्य करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि युवाओं को कृषि और पारम्परिक व्यवसायों के लिए कौशल विकास से जोड़ा जाए।
उन्होंने इसके लिए विश्वविद्यालयों में उद्योगों से समन्वय कर सीएसआर के तहत युवाओं को लाभान्वित करने की दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में सहकारिता आंदोलन कैसे गति पकड़े, इसके लिए विशेष प्रयास करेंगे। कुलाधिपति के रूप में शिक्षा के व्यावसायिकरण और निजी क्षेत्र के अंतर्गत शिक्षा की अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
जनता से सरोकार रखा
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मैं शिवाजी महाराज की गौरव भूमि महाराष्ट्र से आया हूं। जिस परिवेश में पला-बढ़ा हूं, उसके अंतर्गत जनता से सदा सीधे सरोकार रहा है। राजनीति में इसी उद्देश्य से आना हुआ कि सार्वजनिक क्षेत्र में जन-कल्याण के लिए अपने को समर्पित करूं। उन्होंने राजस्थान को भक्ति और और शक्ति का संगम स्थल बताते हुए कहा कि इस वीर प्रसूता भूमि पर मुझे कार्य करने का अवसर मिल रहा है। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं। प्रयास करूंगा कि सभी को साथ लेकर संविधान प्रमुख के अपने पद के दायित्व का पूरी निष्ठा से निर्वहन करूं।
पूर्व राज्यपाल के कामों को आगे बढ़ाएंगे
एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि संविधान के लिए राजस्थान में बहुत महत्वपूर्ण कार्य कलराज मिश्र ने किए हैं। प्रयास करेंगे कि उनके किए कार्यों को आगे बढ़ाते हुए संविधान सर्वोच्च है, इस सोच को युवाओं में आगे बढ़ाते हुए उन्हें अधिकारों के साथ देश के प्रति कर्तव्य बोध से जोड़ने की दिशा में भी निरंतर कार्य हो। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र और सहकारिता क्षेत्र में राजस्थान महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। मेरा प्रयास रहेगा कि इन क्षेत्रों से जुड़ी गतिविधियों का जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रो में विषेष क्रियान्वयन किया जाए।
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