बड़े कलाकारों ने दी है कोटा के दशहरा मेले को राष्ट्रीय पहचान
फिल्मी कलाकारों से लेकर ख्यातनाम कवि तक आ चुके मेले में
मैसूृर के मेले के बाद कोटा का दशहरा मेला सबसे बड़ा व अधिक दिन तक चलने वाला मेला है।
कोटा। कोटा का दशहरा मेला इस बार अपने 130 साल पूरे कर चुका है। नवरात्र स्थापना से लेकर धन तेरस तक चलने वाला यह मेला दशहरो के बाद परवान पर चढ़ता है। इस मले में होने वाले कार्यक्रमों में फिल्मी कलाकारों से लेकर ख्यातनाम कवि तक अपने प्रस्तुति दे चुके हैं। जिससे इस मेले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनी है। नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से आयोजित इस बार दशहरा मेला 15 अक्टूबर को नवरात्र स्थापना के दिन विधिवत शुरू हुआ था। 24 अक्टूबर को दशहरे के दिन रावण दहन हुआ। उसके बाद अगले दिन से मेला भरना शुरू हुआ। मेले के दौरान कार्यक्रमों की शुरुआत भी हो चुकी है। इस बार भी मेले में विजयश्री रंगमंच पर 9 नवम्बर तक अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। जिनमें कवि सम्मेलन से लेकर सिने संध्या, पंजाबी नाइट, भोजपुरी कार्यक्रम व भजन संध्या होगी। वहीं उससे पहले कोरोना काल के दो साल को छोड़कर हर साल बड़े-बड़े कलाकार यहां आकर प्रस्तुति दे चुके हैं।
सुलक्षणा पंडित से लेकर मीका सिंह तक
कोटा का दशहरा मेला अब राष्ट्रीय दशहरा मेला कहलाता है। ज़सकी राष्ट्रीय पहचान यहां होने वाले कार्यक्रमों में देशभर से आने वाले कलाकारों के कारण बनी है। जानकारों के अनुसार कोटा में हर साल कई कार्यक्रम होते हैं। जिनमें बड़े-बड़े कलाकार आते हैं। गत वर्षों में सुलक्षणा पंडित, हिमेश रेशमिया, बप्पी लहरी, सोनू निगम, दलेर मेहंदी, मीका सिंह, जगजीत सिंह, महेन्द्र कपूर, पंकज उधास, गुलाम अली, गुरु रंधावा समेत कई बड़े कलाकार आ चुके हैं। वहीं जीनत अमान मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में आ चुकी हैं। हेमा मालिनी को बुलाने के लिए प्रयास किए गए थे। जिसके लिए निगम की ओर से करीब 50 हजार रुपए एडवांस भी दे दिए गए थे। लेकिन किसी कारण से वह कोटा मेले में नहीं आ सकीे थी। इस मामले में तत्कालीन कांग्रेस पार्षद की ओर से अदालत में वाद तक दायर किया था। लेकिन कई साल तक मामला चलने के बाद भी कोई लाभ नहीं हो सका।
इन कवियों से सज चुका है कोटा का मंच
कोटा के दशहरा मेले की पहचान देश के चुनिंदा मेले में शुमार है। मैसूृर के मेले के बाद कोटा का दशहरा मेला सबसे बड़ा व अधिक दिन तक चलने वाला मेला है। दशहरा मैदान स्थित विजय श्री रंगमंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के कई ख्यातनाम कवियों से सज चुका है। कोटा आने वाले कवियों में महादेवी वर्मा से लेकर राम धारी सिनह दिनकर जैसे कवि आ चुके हैं। वहीं वरिष्ठ कवि नीरज, काका हाथरसी, शैल चतुर्वेदी, सुरेन्द्र शर्मा, अरुण जैमिनी, हरिओम पंवार, कुमार विश्वास, कविता ुतवारी, अनामिका अंजुम, शैलेष लोढ़ा, कुंवर बैचेन, मुनवव्वर राणा के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले कोटा के जगदीश सोलंकी व अतुल कनक जैसे कवि व साहिय्कार शामिल हैं। इनके अलावा कोटा के मेले में राष्ट्रीय व अंतर राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और पहलवान सुशील कुमार समेत अन्य खिलाड़ी भी अपना प्रदर्शन कर चुके हैं।
इस बार भी आएंगे गुरु रंधावा
इधर मेले में इस बार भी बड़े कार्यक्रम होंगे। जिनमें अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में नामचीन कवियों के साथ ही सिनेमा जगत के कई कलाकार भी आएंगे। पंजाबी नाइट में गुरु रंधावा के आने का कार्यक्रम है। वहीं 8 नवम्बर को होने वाली सिने संध्या(स्टार नाइट) के लिए निगम की ओर से 60 लाख रुपए की अल्प कालीन निविदा जारी की गई है। जिसमें भी किसी बड़े कलाकार को बुलाने का कार्यक्रम है। कार्यक्रम के कलाकार का पता 1 नवम्बर को निविदा खुलने पर चलेगा। नगर निगम के मुख्य अभियंता व अतिरिक्त मेला अधिकारी प्रेम शंकर शर्मा ने बताया कि मेले में अब तक अधिकतर कार्यक्रम तय हो चुके हैं। कार्यक्रमों के कलाकारों के चयन में समय लग रहा है। इसका कारण विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगना रहा है। मेला समिति की बैठक में कार्यक्रम व कलाकार तय नहीं हुए थे। अब उसका काम तेजी से किया जा रहा है। शीघ्र ही इस बार के सभी कलाकार भी तय हो जाएंगे।

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