राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान : वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव तरंग 2025 का शुभारंभ, भावी डॉक्टरों ने मंच पर उतारी भारत की विविध संस्कृति
शानदार प्रस्तुतियों से अपनी संस्कृति की चमक से मंच जीवंत
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के ऑडिटोरियम मे मंगलवार को वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव तरंग 2025 का शुभारंभ हुआ। 5 दिसम्बर तक चलने वाला यह चार दिवसीय आयोजन भावी डॉक्टरों की प्रतिभा, सृजनशीलता और देश की सांस्कृतिक विविधता का अनोखा संगम बन गया है। कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।
जयपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (मानद विश्वविद्यालय), जयपुर के ऑडिटोरियम मे मंगलवार को वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव तरंग 2025 का शुभारंभ हुआ। 5 दिसम्बर तक चलने वाला यह चार दिवसीय आयोजन भावी डॉक्टरों की प्रतिभा, सृजनशीलता और देश की सांस्कृतिक विविधता का अनोखा संगम बन गया है। कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा आयुर्वेद भारतीय संस्कृति की आत्मा है। तरंग जैसे आयोजन विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के साथ-साथ भारतीय कला, संगीत और संस्कृति से गहराई से जोड़ते हैं। NIA के भावी डॉक्टर हर क्षेत्र में उत्कृष्टता का परिचय दे रहे हैं। महोत्सव के पहले दिन देशभर से आए छात्रों ने राजस्थानी घूमर,गुजराती गरबा, हरियाणवी लोक नृत्य, महाराष्ट्र की लावणी, केरल की मोहिनीयट्टम, और शास्त्रीय नृत्यों में कुचिपुड़ी एवं कथक की शानदार प्रस्तुतियों से अपनी संस्कृति की चमक से मंच को जीवंत कर दिया।
बॉलीवुड की धुनों और कृष्ण-भक्ति से जुड़े नृत्यों ने दर्शकों को इतनी देर तक बाँधे रखा कि पूरा सभागार तालियों से गूंजता रहा। कार्यक्रम में सिंगिंग, अंतराक्षरी,पेंटिंग, ग्रुप डांस, रील मेकिंग, रंगोली कविता पाठ, आशु भाषण, मेहंदी, फैंसी ड्रेस, पाककला क्विज कंपटीशन, ग्रुप डांस, रैंप वॉक, स्किट और कई अन्य रचनात्मक प्रतियोगिताए आयोजित होगी। प्रत्येक गतिविधि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास, टीम स्पिरिट और अभिव्यक्ति कौशल को निखारने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के यूजी, पीजी, पीएचडी के विद्यार्थी बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं, उनके साथ ही संस्थान में कार्यरत चिकित्सक, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी भी भाग ले रहे है।

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