लोगों के पैर खींच रहे काऊ कैचर

मवेशियों को रोकने के साथ लोगों के फंस रहे पैर

लोगों के पैर खींच रहे काऊ कैचर

काऊ कैचर के एंगल में अधिक अंतराल होना लोगों के लिए परेशानी व मुसीबत बने हुए हैं। काऊ कैचर के एंगल के बीच अंतराल काफी अधिक है। जिससे यहां कभी भी किसी व्यक्ति का पैर फंसने की घटना हो सकती है।

कोटा । सरकारी विभागों में मवेशियों को घुसने से रोकने के लिए लगाए गए काऊ कैचर लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। काऊ कैचर में आए दिन लोगों के पैर फंस रहे हैं। शहर में हर सरकारी विभाग के मेन गेट पर लोहे के एंगलों से बने काऊ कैचर लगाए गए हैं। इसका मकसद मवेशियों को उन परिसरों में  घुसने से रोकना है। काऊ कैचर के एंगलों के बीच अंतराल अधिक होने से मवेशी उन पर से आसानी से नहीं निकल पाते हैं। जिससे सरकारी विभागों में मवेशियों का प्रवेश कम दिखाई देता है। लेकिन हालत यह है कि उन काऊ कैचर के एंगल में अधिक अंतराल होना लोगों के लिए परेशानी व मुसीबत बने हुए हैं। सर्किट हाउस, एमबीएस अस्पताल, संभागीय आयुक्त कार्यालय व सिचाई विभाग समेत कई सरकारी विभागों के काऊ कैचर अधिक घातक हैं। उन काऊ कैचर के एंगल के बीच अंतराल काफी अधिक है। जिससे यहां कभी भी किसी व्यक्ति का पैर फंसने की घटना हो सकती है। विशेष रूप से इस तरह की घटना महिलाओं के साथ अधिक होती है। उनके पैर छोटे होने व सैंडल का साइज छोटा होने से यदि पैर सीधे की जगह आड़ा पड़ गया तो काऊ कैचर में फंसने की संभावना अधिक रहती है। इस तरह की घटनाएं शहर में पहले कई बार हो चुकी  हैं। कभी अस्पताल के काऊ कैचर में तो कभी सर्किट हाउस के काऊ कैचर में लोगों के पैर फंसने की घटनाएं हो रही हैं। 

सर्किट हाउस व अस्पताल में हो चुकी घटनाएं
गत दिनों एक पुलिस कर्मी का पैर सर्किट हाउस के काऊ कैचर में फंस गया था। गनीमत रही कि उसके पैर को वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने तुरंत निकाल लिया। जिससे वह बच गया। लेकिन यदि पैर अधिक अंदर चला जाता तो उसे निकालना मुश्किल हो जाता। इसी तरह से एमबीएस अस्पताल  व जे.के. लोन अस्पताल के काऊ कैचर में महिलाओं के पैर फंसने के कई मामले हो चुके हैं। वहीं कलक्ट्री परिसर के मेन गेट के काऊ कैचर में भी पहले एक व्यक्ति का पैर फंसने की घटना हो चुकी है। रजानकारों के अनुसार पैर फंसने के बाद उसका आसानी से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। प्रयास कर जबरन पैर बाहर निकालने पर संबंधित महिला -पुरुष को तक्लीफ अधिक होती है। इसके लिए गैस कटर से काऊ कैचर के एंगल को काटकर ही पैर सुरक्षित बाहर निकालना पड़ता है। पहले काऊ कैचर में फंसे पैरों को काऊ कैचर के एंगल को गैस कटर से काटकर ही निकाला गया था। 

कई जगह पर किया अंतराल कम
शहर में कई सरकारी विभाग ऐसे हैं जहां पहले काऊ कैचर की एंगल के बीच अंतराल अधिक था। वहां पैर फंसने की घटनाएं होने व कई जगह पर सावधानी के तौर पर ही उस अंतराल को कम करने के लिए उन एंगल के बेच लोहे के सरिये लगाए गए हैं। जबकि कई जगह पर कम अंतराल वाले काऊ कैचर लगाए गए हैं। कलक्ट्री परिसर के मेन गेट पर लगे काऊ कैचर के बीच-बीच में लोहे के सरिये लगाकर अंतराल को कम किया गया। उसके बाद से वहां पैर फंसने की घटना नहीं हुई।

मवेशियों को रोकना मकसद
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि काऊ कैचर संबंधित विभाग का ही मामला है। काऊ कैचर लगाने का मकसद ही मवेशियों को कार्यालय परिसर में घुसन से रोकना है। हालांकि काऊ कैचर की एंगल में अंतराल कम होने से मवेशी आसानी से प्रवेश कर जाता है। लेकिन उससे लोगों को नुकसान होना खतरनाक है। पहले लगे काऊ कैचर की तुलना में वर्तमान में जो नए काऊ कैचर लग रहे हैं उनमें लोगों की परेशानी को ध्यान में रखकर ही कम गैप वाले लगाए जा रहे हैं। 

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