कैसे बुझेगी प्यास, वाटर कूलर में नहीं वाटर
थोक फल सब्जी मंडी में पेयजल संकट दे रहा पीड़ा, भीषण गर्मी के दौर में भी पानी का नहीं किया इंतजाम
वाटर कूलर खराब होने से उन्हें ठंडा पानी नहीं मिल पा रहा है
कोटा। शहर की सबसे बड़ी थोक फलसब्जी मंडी में मूलभूत सुविधाओं का अभाव लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इन दिनों भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। इसके बाद भी मंडी परिसर में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। मंडी में आने वाले किसान, मजदूर, ग्राहक और व्यापारी ठंडे पानी के लिए तरस रहे हैं। मंडी परिसर में चार जगह वाटर कूलर लगाए गए हैं. लेकिन हालात यह हैं कि दो वाटर कूलर पूरी तरह से खराब पड़े है, जबकि बाकी दो से पानी तो आता है लेकिन वह ठंडा नहीं होता है। ऐसे में यह वाटर कूलर भी शोपीस बने हुए हैं। इसके अलावा मंडी परिसर में पेयजल का अन्य कोई स्रोत नहीं है। इस कारण लोगों को पानी के लिए मंडी परिसर के बाहर जाकर अन्य स्थानों से जुगाड़ करना पड़ता है।
पेयजल व्यवस्था के ये हाल
भीषण गर्मी के दौर में मंडी समिति में किसान, व्यापारी व मजदूर ठंडे पानी के लिए तरस रहे हैं। मंडी में चार वाटर कूलर लगे हुए हैं। एक चेकपोस्ट के पास, दूसरा शिव मंदिर के पास तथा तीसरा गेट और चौथा मंडी परिसर के कौने में लगा हुआ है। इसमें चेकपोस्ट और फल व सब्जी मंडी में लगे वाटर कूलर खराब पड़े है। काफी समय से इनकी मरम्मत नहीं हो पाई है। इस कारण इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा मंदिर के पास लगा वाटर कूलर सही है, लेकिन वह ठंडा पानी नहीं दे रहा है। ऐसे में गर्मी के मौसम में यह भी लोगों का हलक तर नहीं कर पा रहा है। मंडी प्रतिदिन काफी संख्या में किसान व व्यापारी दूर दराज क्षेत्रों से आते है। वाटर कूलर खराब होने से उन्हें ठंडा पानी नहीं मिल पा रहा है।
शीतल प्याऊ शुरू होने का इंतजार
मंडी परिसर में करोड़ों का कारोबार होने के बाद भी पेयजल की उचित व्यवस्था नहीं है। अब भीषण गर्मी के दौर में मंडी परिसर में पेयजल संकट बना हुआ है। मंडी परिसर में हर साल विभिन्न स्थानों पर ठंडे पानी के लिए प्याऊ संचालित की जाती है। इन प्याऊ में बर्फ की व्यवस्था करने के लिए टैंडर निकाला जाता है। इसके बाद पूरे गर्मी के सीजन में प्याऊ के माध्यम से सभी को शीतल पेयजल उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन इस साल अभी तक भी मंडी परिसर में प्याऊ शुरू नहीं की गई है। जिससे किसानों, ग्राहकों व सब्जी विक्रेताओं को पेयजज संकट का सामना करना पड़ रहा है।
इन्हें कैम्परों से बुझानी पड़ रही प्यास
थोक फल सब्जी मंडी के व्यापारियों और विक्रेताओं को भी पानी की व्यवस्था के लिए कैम्पर मंगाने पड़ रहे हैं। व्यापारियों और विक्रेताओं का कहना है कि उन्हें तीस रुपए का पानी का कैंपर मंगवाकर काम चलाना पड़ता है। यहां पर काफी समय से पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कैम्परों मंगवा कर रखना पड़ता है। इन्हीं कैम्परों से किसान और ग्राहक अपनी प्यास बुझाते हैं। वहीं मजदूरों का कहना है कि पानी की किल्लत के चलते उनकी रोजमर्रा की जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। भीषण गर्मी में पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
आढ़ती अपने निजी खर्च पर रोजाना ठंडे पानी के कैम्पर मंगाते है। इसके बाद आढ़त पर आने वालों को ठंडा पानी मिलता है, लेकिन यह हर कोई आढ़ती नहीं कर रहा है। यहां पर पानी की व्यवस्था होना जरूरी है।
- विपिन कुमार, आढ़तिया
मंडी प्रशासन को चाहिए कि वह सभी के लिए ठंडा पानी उपलब्ध कराए। इसके लिए मंडी में लगे वाटर कूलर को सही कराया जाए। जिससे ऐसी भीषण गर्मी में लोगों को ठंडा पानी मिल सके।
- मुरारीलाल, मजदूर
अभी भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। इसके बावजूद मंडी परिसर में कहीं भी ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं है। यहां सब्जी खरीदने आने वाले ग्राहक भी पानी के लिए भटकते रहते हैं। मंडी पानी की सुविधा जरूरी है।
- मनोरमा देवी, ग्राहक
अभी मैं अवकाश पर हूं। मंडी में चार में से दो वाटर कूलर चल रहे हैँ। खराब वाटर कूलरों को भी दिखवाया जाएगा। वहीं जल्द ही बर्फ का टैंडर करवा कर मंडी परिसर में प्याऊ संचालित कर दी जाएगी।
- विश्वजीत सिंह, सचिव, थोक फलसब्जी मंडी कोटा
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