मां-बेटे की निर्मम हत्या के आरोपी को उम्रकैद, मृतका और आरोपी के बीच थी पहले से जान पहचान
60,500 रुपए के अर्थ दंड से किया दंडित
आरोपी और मृतका दोनों एक जगह के निवासी थे और उनकी जान पहचान पहले से थी।
कोटा। मां-बेटे की गोली मारकर हत्या करने के करीब सात साल पुराने मामले में मंगलवार को न्यायाधीश सत्यनारायण व्यास जिला सेशन एवं सत्र न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने मुरैना (मप्र)निवासी आरोपी चंद्रकांत पाठक उर्फ दिलीप पर जुमार्ना भी लगाया है। आरोपी ने सोहनी पाराशर और उसके पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी और फरार हो गया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।
लोक अभियोजक एडवोकेट मनोजपुरी ने बताया कि 21 जनवरी 2018 को चौपड़ा फार्म गली नंबर दो निवासी परिवादी नीरज पाराशर ने थाना भीमगंजमंडी पुलिस थाने में रिपोर्ट दी । जिसमें बताया था कि वह 21 जनवरी को सुबह करीब साढ़े छह बजे बाजार सब्जी लेने गया था। घर पर उसकी पत्नी सोहनी पाराशर और बेटा पीयूष थे। सब्जी लेकर पांच मिनट बाद जब पत्नी को फोन किया तो पत्नी ने फोन नहीं उठाया इस पर सीधा घर आया तो देखा बेटा पीयूष दरवाजे के बाहर ख्रून में लथपथ पड़ा था और पत्नी सोहनी बैड पर खून से लथपथ पड़ी हुई थी। इसके बाद जोर से चिल्लाया तो मोहल्ले के लोग एकत्रित हो गए व पुलिस आ गई थी। किसी ने उसकी पत्नी और बेटे की गोली मार दी थी। दोनों को एमबीएस अस्पताल लेकर गए। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था। मामले में पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज करके आसपास के सीसीटीवी फुटेज चैक किए , फरियादी से पूछताछ और होटलों को चेक किया गया। एक सीसीटीवी में आरोपी चंद्रकांत पाठक 21 जनवरी को कोटा आने और होटल में टहलता दिखाई दिया था। पुलिस होटल में गई तो पता चला कि वह चला गया। पुलिस ने आरोपी चंद्रकात पाठक को 23 जनवरी को गिरफ्तार किया ।
मृतका और आरोपी के बीच थी पहले से जान पहचान
अनुसंधान के दौरान सामने आया कि आरोपी और मृतका दोनों एक जगह दत्तापुर के निवासी थे और उनकी जान पहचान पहले से थी। मृतका सोहनी की शादी उसके घर वालों ने कोटा में पीड़ित के साथ कर दी थी। इसके बाद भी वह उसके संपर्क में था। जिसके चलते आरोपी मृतका को पूर्व में अपने साथ बिलासपुर ले गया था जहां दोनों डेढ़ महीने तक साथ रहे । उसके बाद मृतका अपने पति व बच्चें के पास वापस कोटा आ गई । जो चंद्रकांत पाठक को नागवार गुजरा और उसने 21 जनवरी को उसकी और उसके पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी । पुलिस ने आरोपी को दोषी मानते हुए न्यायालय में चालान पेश किया था। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की और से 43 गवाहों के बयान करवाए गए। न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा से दंडित करते हुए 60 हजार 500 रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है।
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