25 महीने बाद पिंजरे से आजाद हुआ नर शावक
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से रामगढ़ टाइगर रिजर्व में किया शिफ्ट
दैनिक नवज्योति के प्रयास लाए रंग,अब बेहतर तरीके से हो पाएगी नर शावक की रिवाइल्डिंग।
कोटा। कोटावासियों व वन्यजीव प्रेमियोंके लिए बुधवार की सुबह खुशियों से भरी रही। बाघिन टी-114 के नर शावक को आखिरकार 25 महीने बाद पिंजरे से आजादी मिल ही गई। अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से नर शावक को रामगढ़ टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया गया है। जहां वह पांच हैक्टेयर के पोर्टेबल एनक्लोजर में आजादी की छलांग लगाएगा। साथ ही शिकार करने की कला, घात लगाना, जंगल की चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों में खुद को ढालना सीख पाएगा। अब रिवाइल्डिंग बेहतर तरीके से हो सकेगी।
नवज्योति ने उठाई थी आवाज
दैनिक नवज्योति ने लगातार खबरें प्रकाशित कर दोनों शावकों को पिंजरे से खुले जंगल में शिफ्ट करने की आवाज उठाई थी। साथ ही 2 साल से 3 गुना 3 साइज के नाइट शेल्टर में रहने से रिवाइल्डिंग प्रभावित होना, शारीरिक अंगों में विकार उत्पन्न होना, जंगल की परिस्थतियों के अनुकूल होने में चूनौतियों को लेकर बायोलॉजिस्ट, वन्यजीव विशेषज्ञों की नजर से खबरें प्रकाशित कर तथ्यों से वन अधिकारियों को रुबरू किया। इसी का नतीजा है कि दोनों शावकों में से बुधवार को नर शावक को रामगढ़ शिफ्ट कर दिया गया।
ट्रैंकुलाइज कर लगाया रेडियोकॉर्लर
वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. तेजेंद्र सिंह रियाड़ ने बताया कि सुबह 10.30 बजे नर शावक को ट्रैंकुलाइज किया गया। इसके बाद स्वास्थ्य परीक्षण कर ब्लड व डीएनए सैंपल लिए व वजन किया गया। इसके बाद 11.15 बजे रामगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए रवाना कर दिया गया। उन्होंने बताया कि नर बाघ का वजन 160 किलो है और वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है। उसके गले में रेडियोकॉर्लर लगाया गया है। जिससे उसकी मॉनिटरिंग होती रहेगी।
5 हैक्टेयर के एनक्लोजर में किया शिफ्ट
चिकित्सक रियाड़ ने बताया कि दोपहर एक बजे करीब रामगढ़ टाइगर रिजर्व की जैतपुर रैंज में 5 हैक्टेयर के एनक्लोजर में नर शावक को शिफ्ट किया गया है। यहां प्रे-बेस व पानी की पहले से ही पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है। 7 दिन तक शावक चिकित्सकों की निगरानी में रहेगा। उसके व्यवहार, गतिविधियां, भोजन लेने की मात्रा, शिकार कर पा रहा है या नहीं सहित तमाम गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।अब बड़ी जगह मिलने से बेहतर तरीके से रिवाइल्डिंग हो सकेगी।
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