रेजोनेंस कोचिंग की छात्रा ने पढ़ाई के तनाव में आकर की आत्महत्या
कर रही थी जेईई की तैयारी, आत्महत्या की खबर सुन पिता हुए बेसुध
मैं आत्महत्या कर रही हूं। आई एम लूजर, आई एम वर्स्ट डोटर पापा।
कोटा। शिक्षा नगरी में कोचिंग स्टूडेंट्स के आत्महत्या प्रकरण रुकने का नाम नहीं ले रहे। नये वर्ष की अभी शुरूआत ही हुई है और दो स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। सोमवार सुबह रेजोनेंस कोचिंग इंस्ट्टीयूट से जेईई मेन्स की तैयारी कर रही छात्रा निहारिका सिंह पुत्री विजय सिंह (19) निवासी शिव विहार बोरखेड़ा ने पढ़ाई के तनाव में आकर पंखे से फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। निहारिका के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें वह पढ़ाई से तनाव में होने की बात लिख रही है। निहारिका बोरखेड़ा में अपने माता पिता के साथ ही रहती थी। वह तीन बहनों में सबसे बड़ी थी।
यह कहा सुसाइड नोट में
एएसआई उदय लाल ने बताया कि निहारिका ने मरने से पहले चार लाइन का सुसाइड नोट लिखा है जिसमें वह कह रही है कि मैं जेईई नहीं करना चाहती हूं। इसलिए मैं आत्महत्या कर रही हूं। आईएम लूजर, आई एम वर्स्ट डोटर पापा। सॉरी मम्मी पापा यही लास्ट ऑप्शन है।
पिता का हाल बेहाल
निहारिका की आत्महत्या की जानकारी मिलते ही पिता विजय सिंह हाल बेहाल हो गए। तबीयत खराब होने से वह अपनी पुत्री के शव का पोस्टमार्टम करवाने भी नहीं पहुंचे। मोर्चरी के बाहर निहारिका के ताऊ महेन्द्र सिंह और उनका पुत्र मौजूद था। उन्होंने बताया कि निहारिका तीन बहनों में सबसे बड़ी थी। उसका बुधवार को कोई टेस्ट होना था। इस संबंध में आत्महत्या से एक दिन पहले ही निहारिका ने उसके ताऊ के लड़के से स्कूल छोडने के संबंध में बात की थी। सुबह भी उसने परिजनों के साथ आराम से चाय पी थी। उसके बाद वह पढ़ाई के नाम पर कमरे में चली गई और फंदा लगातक पंखे से लटक गई।
13 माह में 29 स्टूडेंट ने की आत्महत्या
पिछले 13 माह में 29 कोचिंग स्टूडेंट अब तक आत्म हत्या कर चुके हैं। पिछले सप्ताह ही एक मोहम्मद जैद ने फांसी का फंदा लगाया था। एक सप्ताह पूरा भी नहीं हुआ कि रेजोनेंस कोचिंग की छात्रा ने आत्महत्या कर ली।

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