न्यास कार्यालय हुआ कोटा विकास प्राधिकरण
मुख्य द्वार व बोर्ड पर होना है नाम का बदलाव
निर्माण व विकास के नए काम शुरू हों और नई योजनाएं लाौच होने से ही केडीए की आय होने पर भुगतान मिलने की उम्मीद है।
कोटा। नगर विकास न्यास कार्यालय अब कोटा विकास प्राधिकण हो गया है। कार्यालय के भीतर लिखे न्यास के स्थान पर अब प्राधिकरण लिख दिया है। जबकि मुख्य द्वार व बोर्ड पर लिखा न्यास का नाम भी बदला जाएगा। पिछली कांग्रेस सरकार में नगर विकास न्यास को कोटा विकास प्राधिकरण(केडीए) बनाने की घोषणा कर दी गई थी। दो साल पहले बजट में घोषणा हो गई थी। उसके बाद पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था। उसके बाद से ही केडीए अस्तित्व में तो आ गया था। मुख्यालय से आदेश भी न्यास की जगह केडीए के नाम से ही जारी हो रहे थे। लेकिन केडीए चेयरमेन की नियुक्ति का इंतजार किया जा रहा था। उसके बिना केडीए की कार्यवाही आगे बढ़ती। इधर लोकसभा चुनाव की मतगणना पूरी होते ही राज्य सरकार ने कोटा की संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया को केडीए चेयरमेन का अतिरिक्त चार्ज दिया है। उन्होंने कार्यभार ग्रहण करते ही केडीए अधिकारियों की बैठक लेकर काम भी शुरु कर दिया है। केडीए सचिव कुशल कोठारी ने बताया था कि शीघ्र ही न्यास की पत्रावलियों के नाम व कार्यालय का नाम भी बदल दिया जाएगा। उसी के तहत वर्तमान न्यास कार्यालय को ही केडीए कार्यालय बनाया गया है। कार्यालय के भीतर लिखा नगर विकास न्यास को मिटाकर उसके स्थान पर कोटा विकास प्राधिकरण लिख दिया है। साथ ही मुख्य द्वार पर लिखा नाम भी मिटा दिया है। उसके स्थान पर भी कोटा विकास प्राधिकरण लिखा जाना है। हालांकि अभी कार्यालय के बाहर मेन रोड पर लगे बोर्ड पर नगर विकास न्यास कार्यालय ही लिखा हुआ है। साथ ही परिसर में कई जगह पर अभी भी नगर विकास न्यास ही लिखा हुआ है। केडीए सचिव कुशल कोठारी ने बताया कि चेयरमेन की नियुक्ति के बाद नाम बदलने का काम शुरु किया है। एक ही दिन में अभी जगह का नाम बदलना मुश्किल है। धीरे-धीरे यह काम किया जा रहा है। कार्यालय के भीतर कई जगह पर भी तो नाम बदल दिया है। मुख्य द्वार व बोर्ड के भी नाम बदले जा रहे हैं। एक दो दिन में सभी जगह पर केडीए हो जाएगा।
अभी और कई पदों पर होनी है नियुक्ति
कोटा विकास प्राधिकरण में अभी चेयरमेन की नियुक्ति हुई है। हालांकि फिलहाल यह अतिरिक्त चार्ज है। इस पद पर स्थायी नियुक्ति होगी। साथ ही कई अन्य पदों पर भी नियुक्तियां की जानी है। उसके बाद ही इसका कामकाज गति पकड़ पाएगा। हालाकि केडीए चेयरमेन उर्मिला राजोरिया नियमित रूप से केडीए कार्यालय आकर कामकाज कर रही हैं। केडीए की ओर से शीघ्र ही आमजन के लिए कई आवासीय कम व्यवसायिक योजनाएं लॉंच करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही विधानसभा व लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान अटके कामों को फिर से शुरू करन की तैयारी है। जिसके तहत निर्माण व विकास के भी कई काम फिर से शुरू होंगे। जानकारों के अनुसार निर्माण व विकास कार्यों के टेंडर तो लग चुके हैं। उनके फाइनल होने व कार्यादेश जारी होने के बाद ही काम शुरू होंगे। इधर कई संवेदकों का कहना है कि न्यास में बजट ही नहीं है। जिससे कई संवेदकों के करोड़ों रुपए का भुगतान अटका हुआ है। निर्माण व विकास के नए काम शुरू हों और नई योजनाएं लाौच होने से ही केडीए की आय होने पर भुगतान मिलने की उम्मीद है।

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