असर खबर का - रोशनी से जगमगाया टावर ऑफ लिबर्टी, केडीए ने सही करवाई लाइटें
टावरों की लाइटें अभी अलग-अलग रंग नहीं बिखेर रही
टावर ऑफ लिबर्टी पर अंधेरा छाने का मामला दैनिक नवज्योति ने उठाया था।
कोटा। शहर के बीच स्थित एरोड्राम सर्किल के टावर ऑफ लिबर्टी के टावर एक बार फिर से रोशनी से जगमगा उठे हैं। जिससे चौराहे की सुंदरता बढ़ी है।कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से टावर की लाइटों को सही करवाया गया है। जिससे एक बार फिर से चौराहे पर बने टावर रोशन हो गए हैं। हालांकि इन टावरों की लाइटें पहले जहां अलग-अलग रंग बिखेर रही थी। अभी ऐसा नहीं हो रहा है। लेकिन आने वाले समय में ये लाइटें रंग बिरंगी रोशनी भी बिखेरने लगेंगी।केडीए की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर एरोड्राम चौराहे पर अंडरपास बनाने के साथ ही यहां विशाल टावर आॅफ लिबर्टी का निर्माण भी करवाया है। जिसके तीन टावरों पर मशाल नुमा लाइटें लगाई गई है। इन लाइटों से रात के समय इन टावरों की सुंदरता देखते ही बनती है। लेकिन गत दिनों काफी समय से ये लाइटें बंद हो रही थी। जिससे पूरा चौराहा व टावर अंधेरे में डूबे हुए थे।
नवज्योति ने उठाया था मुद्दा
शहर के बीच स्थित एरोड्राम सर्किल के टावर ऑफ लिबर्टी पर अंधेरा छाने का मामला दैनिक नवज्योति ने उठाया था। समाचार पत्र में 5 दिसम्बर को पेज दो पर' फिर अंधेरे में डूबा एरोड्राम सर्किल का टावर ऑफ लिबर्टी शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें अनदेखी के चलते टावर व चौराहे पर अंधेरा होने की जानकारी अधिकारियों को दी थी। उस समय केडीए सचिव मुकेश चौधरी ने कहा था कि शीघ्र ही टावर की लाइटों को चालू करवाया जाएगा। समाचार प्रकाशित होते ही केडीए अधिकारी हरकत में आए और टावर की सभी लाइटों को फिर से चालू कराया गया। केडीए अधिकारियों का कहना है कि इन लाइटों का सर्किट ऊंचाई पर होने से लाइटों के बंद होने पर उन्हें चालू करना काफी कठिन हो जाता है। जबकि नीचे लगाने पर उसके चोरी होने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में प्रयास किया जा रहा है कि उसे बीच में ऐसी जगह पर लगाया जाए जिससे उसे चालू करने में परेशानी नहीं हो।

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