सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें बड़े सपने देखें, कड़ी मेहनत करें : बागडे
पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
अतिथि गृह, ई-लाइब्रेरी स्वावलम्बन, फोटो और पेटिंग प्रदर्शनी, पुस्तक मेला का उद्घाटन
सीकर। शहर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय का पांचवां दीक्षांत समारोह राज्यपाल हरिभाऊ बागडे की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ। राज्यपाल ने स्टूडेंट को संविधान की उद्देशिका व संविधान के मूल कर्तव्यों की शपथ दिलाई। कार्यक्रम को संबोधित करते राज्यपाल ने कहा कि आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का है। विद्यार्थियों को सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहकर अपने बौद्धिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी देश हित की भावना को आगे रख नवाचार करें। पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय शेखावाटी क्षेत्र की उस पावन धरा पर बना है जो सदैव त्याग, बलिदान और परोपकार की भावना से परिपूर्ण रही है। शेखावाटी ने भारतीय सेना को सर्वाधिक सैनिक दिए हैं तथा यहां पग-पग पर शहीदों की गाथाएं गूंजती हैं।
भामाशाहों की यह धरती जीवन के उदात मूल्यों से जुड़ी है। उन्होंने कहा की विद्यार्थी हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते रहें, बड़े सपने देखे, कड़ी मेहनत करें और कभी भी सीखना बंद ना करें। मुख्य अतिथि स्वामी केलाशानंद गिरि महराज आचार्य महामण्डेलेश्वर निरंजनी अखाड़ा हरिद्वार ने अपने उद्धबोधन में कहा कि प्राचीनकाल में गुरूकुल शिक्षा प्रद्धति थी। माता-पिता, गुरू, राष्ट्र भगवान का रूप है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने परम्पराओं, संस्कृति को कभी नहीं भूलें।
71 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से नवाजा
दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति बागडे ने 71 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से नवाजा, साथ ही कला संकाय के 68571, विज्ञान संकाय के 31961, वाणिज्य संकाय के 8300, समाज विज्ञान संकाय के 27008, शिक्षा संकाय के 48241 एवं विधि संकाय के 174 स्नातक एवं स्नातकोत्तर दीक्षार्थियों को उपाधि प्रदान की। इस दौरान राज्यपाल बागडे ने निरंजनी अखाड़ा हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज, जगदीश प्रसाद सिंघल एवं बजरंग लाल गुप्ता को मानद उपाधि प्रदान की।
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