44वां राष्ट्रीय अधिवेशन नमोकॉन का समापन : सिर्फ धनार्जन की दृष्टि से नहीं, सेवा भाव से करें उपचार ; कटारिया
संघ को अनावश्यक दोषी ठहराया गया
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वांत रंजन ने कहा कि संघ समाज को संस्कारित करने, उसे दिशा देने और श्रेष्ठता की ओर अग्रसर करने के लिए सतत् प्रयासरत है।
उदयपुर। चिकित्सकों को केवल पैसों की दृष्टि से नहीं, बल्कि मानवीय सेवा की भावना से उपचार करना चाहिए। चिकित्सा एक सेवा का माध्यम है जिसे उसी उद्देश्य से अपनाना चाहिए। यह बात पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने शनिवार को यहां आरएनटी मेडिकल कॉलेज में नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) के 44वें राष्ट्रीय अधिवेशन नमोकॉन के समापन समारोह में कही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह से एनएमओ सदस्यों ने सेवा कार्य किया, वह अनुकरणीय है। जब आरएसएस में एनएमओ ने कार्य प्रारंभ हुआ, तब समाज में सेवा कार्यों की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। वनवासी कल्याण आश्रम के सहयोग से एनएमओ ने आदिवासी और सुदूर क्षेत्रों में सेवा के कार्य प्रारंभ किए। दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बीमारी से बचाने के लिए पहले से ही प्रयास करना एक सार्थक पहल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेडिकल क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं। उन्होंने हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का लक्ष्य रखा और उसे पूरा भी किया।
संघ को अनावश्यक दोषी ठहराया गया : रंजन
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वांत रंजन ने कहा कि संघ समाज को संस्कारित करने, उसे दिशा देने और श्रेष्ठता की ओर अग्रसर करने के लिए सतत् प्रयासरत है। संघ की विचारधारा और राष्ट्र के प्रति इसकी प्रतिबद्धता आगामी वर्षों में और भी अधिक प्रभावी होगी, जिससे संपूर्ण समाज सशक्त और संगठित बन सकेगा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात गांधी जी की हत्या के कारण संघ को अनावश्यक दोषी ठहराया गया, जबकि संघ सदैव राष्ट्रहित में समर्पित रहा है।
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