कंबोडिया-थाईलैंड का संघर्ष विराम पर ऐतिहासिक समझौता : शांत हुई बंदूकें, वर्तमान स्थिति पर बनी रहेंगी दोनों देशों की सेनाएं
देशों की एक पर्यवेक्षक टीम भी मौजूद रही
कंबोडिया और थाईलैंड ने सीमा विवाद समाप्ति के लिए शनिवार से तत्काल और पूर्ण संघर्ष विराम लागू करने पर सहमति जताई। दोनों देशों की सेनाएं वर्तमान स्थिति पर बनी रहेंगी, नई चौकियाँ और हवाई क्षेत्र उल्लंघन प्रतिबंधित रहेगा। विस्थापित नागरिकों को लौटने की अनुमति, बारूदी सुरंग हटाने और फेक न्यूज रोकने के उपाय शामिल हैं।
नामपेन्ह। कंबोडिया और थाईलैंड ने सीमा पर जारी तनाव को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए शनिवार दोपहर से तत्काल और पूर्ण संघर्ष विराम लागू करने पर सहमति व्यक्त की है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार दोनों देशों ने ‘तीसरी विशेष सामान्य सीमा समिति’ की बैठक के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी करके यह सहमति जाहिर की। यह समझौता कंबोडिया के प्रुम और थाईलैंड के बान पाक कार्ड अंतरराष्ट्रीय प्रवेश बिंदु पर हुआ। इसकी अध्यक्षता कंबोडिया के रक्षा मंत्री जनरल तेइ सेइहा और थाईलैंड के रक्षा मंत्री जनरल नत्तफॉन नार्कफनित ने की। इस दौरान आसियान देशों की एक पर्यवेक्षक टीम भी मौजूद रही।
इस समझौते में कहा गया है कि दोनों देशों की सेनाएं वर्तमान स्थिति पर बनी रहेंगी। किसी भी तरह की सैन्य बढावा, नई चौकियाँ बनाने या हवाई क्षेत्र के उल्लंघन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों से विस्थापित हुए नागरिकों को सुरक्षा और सम्मान के साथ उनके घरों को लौटने की अनुमति दी जाएगी। नागरिकों या नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
समझौते के अनुसार दोनों पक्ष ‘संयुक्त सीमा आयोग’ के माध्यम से सीमा सर्वेक्षण और सीमांकन कार्य फिर से शुरू करेंगे। साथ ही, मानवीय आधार पर बारूदी सुरंगों को हटाने के लिए मिलकर काम करेंगे। संघर्ष विराम के सफलतापूर्वक 72 घंटे पूरे होने के बाद थाईलैंड की हिरासत में 18 कंबोडियाई सैनिकों को स्वदेश वापस भेज दिया जाएगा।
दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए ‘फेक न्यूज’ और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार को रोकने पर सहमति जताई है। इसके लिए दोनों पक्षों की मीडिया टीमें सीधे संपर्क में रहेंगी।
इस समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आसियान देशों की एक आसियान पर्यवेक्षक टीम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और सैन्य प्रमुखों के बीच एक ‘डायरेक्ट हॉटलाइन’ स्थापित की गई है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति या गलतफहमी को तुरंत सुलझाया जा सके।
दोनों देशों के नेताओं ने इस समझौते को शांति और सहयोग के एक नए अध्याय की शुरुआत बताया है , जो दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थिरता और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगा।

Comment List