अमेरिका की धमकी से ईरान अपना अधिकार नहीं छोड़ेगा, परमाणु कार्यक्रम को लेकर जारी रखेंगे बातचीत : पेजेश्कियन
अब विशेषज्ञ स्तर तक पहुंच चुकी है
हमारे वैधानिक और मानव अधिकार छीन लिए जाएंगे, तो ऐसा नहीं होगा। हम वैज्ञानिक, सैन्य और परमाणु क्षेत्रों में अपनी गरिमा से पीछे नहीं हटेंगे।
तेहरान। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने साफ किया कि उनका देश अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत जारी रखेगा, लेकिन धमकियों के कारण अपने अधिकारों से पीछे नहीं हटेगा। राष्ट्रपति ने नौसेना अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम बातचीत कर रहे हैं और करते रहेंगे। हमें युद्ध नहीं चाहिए, लेकिन हम किसी धमकी से डरते भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि, अगर कोई ये सोचता है कि हमें डराकर हमारे वैधानिक और मानव अधिकार छीन लिए जाएंगे, तो ऐसा नहीं होगा। हम वैज्ञानिक, सैन्य और परमाणु क्षेत्रों में अपनी गरिमा से पीछे नहीं हटेंगे।
राष्ट्रपति ने बताया कि बातचीत अब विशेषज्ञ स्तर तक पहुंच चुकी है, यानी दोनों पक्ष अब समझौते की तकनीकी बारीकियों पर काम कर रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ा अड़चन ईरान की तरफ से यूरेनियम संवर्धन का मुद्दा है। ईरान का कहना है कि यह उसका अधिकार है, जबकि अमेरिका, खासकर ट्रंप प्रशासन, इसे पूरी तरह रोकना चाहता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की धमकी दी है अगर समझौता नहीं हुआ। इस पर ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उन पर हमला किया गया तो वे अपने परमाणु कार्यक्रम को हथियार बनाने की दिशा में ले जा सकते हैं। हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ईरान फिलहाल परमाणु बम बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम नहीं कर रहा है, लेकिन उसके पास ऐसा करने की क्षमता लगभग तैयार है।
पश्चिम एशिया में बेहद तनाव
इस बीच, इजरायल लगातार कहता आ रहा है कि अगर उसे खतरा महसूस हुआ तो वह ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमला कर सकता है। पहले से ही गाजा में इजरायल -हमास युद्ध की वजह से मध्य पूर्व में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं, और यह नया विवाद हालात को और बिगाड़ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षण में परमाणु कार्यक्रम
ईरान के परमाणु संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने कहा कि उनका देश सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्य से परमाणु कार्यक्रम चला रहा है और यह पूरी तरह से संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षण में है। उन्होंने कहा, दुनिया में कोई और देश ऐसा नहीं है जिसे यूएन की परमाणु एजेंसी इतनी बार जांचती हो। उन्होंने बताया कि 2024 में ईरान की परमाणु साइट्स पर 450 से अधिक बार निरीक्षण हुए, जो एजेंसी की कुल निरीक्षणों का 25प्रतिशत हिस्सा है।

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