चंद्रमा का सबसे रहस्यमय हिस्सा दक्षिणी ध्रुव, कोई भी नहीं सुलझा पाया यह पहेली

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बन जाएगा

चंद्रमा का सबसे रहस्यमय हिस्सा दक्षिणी ध्रुव, कोई भी नहीं सुलझा पाया यह पहेली

नासा का कहना है कि यह वह जगह है जो बता सकती है कि जीवन की शुरूआत कैसे हुई होगी। पिछले कई वर्षों से दुनिया के अलग-अलग देशों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कई मिशन लॉन्च करने की कोशिशें की हैं और इसके बारे में पता लगाने का प्रयास किया है।

फ्लोरिडा। भारत का चंद्रयान 3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया है। अगर अगले कुछ दिनों में इसने लैंडर और रोवर को चंद्रमा की सतह पर स्थापित कर दिया तो चांद के दक्षिणी ध्रुव या साउथ पोल पर उतरने वाला भारत पहला देश बन जाएगा। साथ ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने वाला केवल चौथा होगा। इस मिशन में चांद के उस हिस्से के बारे में जानने की कोशिशें की जाएंगी जो अभी तक रहस्य है। यूं तो चंद्रमा हमेशा से ही वैज्ञानिकों, दार्शनिकों, अंतरिक्ष प्रेमियों और आम लोगों के बीच हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। मगर इसका दक्षिणी ध्रुव वह जगह है जो विज्ञान में रूचि रखने वालों के लिए हमेशा से रहस्य रहा है।

चांद पर एकदम ठंडी जगह
चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव वैज्ञानिकों के लिए हमेशा से विशेष रुचि का विषय रहा है। यह वह जगह है जहां पर कुछ हिस्सों में एकदम अंधेरा है तो कुछ जगहों पर छाया रहती है। स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में बर्फ जमा होने की बातें कही गई हैं। इसके अलावा यहां पर ऐसे कई गड्ढे हैं जो अपने आप में खास हैं क्योंकि सूरज की रोशनी उनके अंदरूनी हिस्सों तक नहीं पहुंच पाती है। अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा का दावा है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के कुछ गड्ढों पर तो अरबों वर्षों से सूरज की रोशनी नहीं पहुंची है। इन गड्ढो वाली जगह का तापमान-203 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

मिल सकता है बड़ा सुराग
इसी वजह से ये क्रेटर बहुत ठंडे हैं। नासा की मानें तो यहां पर हाइड्रोजन, बर्फ और बाकी वाष्पशील पदार्थों का ऐसा जीवाश्म रिकॉर्ड है जो सौर मंडल के शुरू होने से जुड़ा हुआ है। बहुत ज्यादा ठंड और यहां के तापमान की वजह से चांद के इस हिस्से में बहुत सालों में कोई बदलाव नहीं देखा गया है।

नासा का कहना है कि यह वह जगह है जो बता सकती है कि जीवन की शुरूआत कैसे हुई होगी। पिछले कई वर्षों से दुनिया के अलग-अलग देशों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कई मिशन लॉन्च करने की कोशिशें की हैं और इसके बारे में पता लगाने का प्रयास किया है।

क्या है गड्ढों के नीचे
कुछ वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के नीचे, पूरे सौर मंडल में अब तक बने सबसे बड़े प्रभाव वाले गड्ढे हैं। इन गड्ढों के के नीचे कोइ विशाल चीज छिपी हुई है। वैज्ञानिकों को पता नहीं है कि यह क्या हो सकता है। मगर उनका मानना है कि यह निश्चित रूप से इतना बड़ा है कि चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल को प्रभावित कर सकता है। अभी तक नासा भी इस पहली को सुलझा नहीं पाया है। नासा ने इस साल की शुरूआत में अपने मानव मिशन आर्टमिस थर्ड का ऐलान किया था। इस मिशन के तहत वह साउथ पोल की 14 जगहों का अध्ययन करेगा।

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