भारत की परेशानी बढ़ा रहा अमेरिका : तेजस के इंजन के बाद अब अपाचे की डिलीवरी में देरी, दूसरी बार बढ़ाई गई समय सीमा भी समाप्त

अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच का इंतजार कर रही है

भारत की परेशानी बढ़ा रहा अमेरिका : तेजस के इंजन के बाद अब अपाचे की डिलीवरी में देरी, दूसरी बार बढ़ाई गई समय सीमा भी समाप्त

अमेरिका ने भारत के स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमानों के इंजनों की डिलीवरी को लेकर भी ऐसा ही धोखा दिया था।

न्यूयॉर्क। अमेरिका ने एक बार फिर भारत को दिखा दिया है कि वह क्यों भरोसा करने के काबिल नहीं है। दरअसल अमेरिका को दिसंबर 2024 तक भारतीय सेना को छह अपाचे एएच-64ई अटैक हेलीकॉप्टर की डिलीवरी करनी थी। हालांकि, दूसरी बार बढ़ाई गई यह समय सीमा खत्म होने के बाद भी अमेरिकीअपाचे एएच-64ई अटैक हेलीकॉप्टरों का कोई अता-पता नहीं है। भारतीय सेना पिछले 11 महीनों से अमेरिका से अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच का इंतजार कर रही है। इससे पहले अमेरिका ने भारत के स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमानों के इंजनों की डिलीवरी को लेकर भी ऐसा ही धोखा दिया था।

भारत-अमेरिका ने 2020 में की थी डील
भारत और अमेरिका ने वर्ष 2020 में छह अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए 600 मिलियन अमरीकी डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। शुरूआत में इन अपाचे हेलीकॉप्टरों को जून 2024 तक भारतीय सेना को सौंपने की योजना थी। श्रृंखला में व्यवधान का हवाला देकर डिलीवरी डेट को दिसंबर 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया। इसके बावजूद भारतीय सेना के आर्मी एविएशन कोर को एक भी अपाचे हेलीकॉप्टर की डिलीवरी नहीं हुई है।

जून 2024 में मिलने वाले थे हेलीकॉप्टर
मूल रूप से, छह अपाचे हेलीकॉप्टरों को तीन के बैच में भारत आने की योजना बनाई गई थी। पहला बैच मई और जून 2024 के बीच आने की उम्मीद थी। हालांकि, हेलीकॉप्टर अभी तक भारत नहीं पहुंचे हैं, जिससे सेना का पहला अपाचे स्क्वाड्रन अब भी गठित नहीं हो सका है। ऐसे में पहले बैच की डिलीवरी में अब नौ महीने से ज्यादा की देरी हो चुकी है। अमेरिका ने अभी तक यह नहीं बताया है कि वह कब से भारत को अपाचे हेलीकॉप्टरों को डिलीवरी शुरू करेगा।

अपाचे की डिलीवरी में देरी क्यों हो रही
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया है कि यह देरी अमेरिका द्वारा सामना की जा रही तकनीकी समस्याओं के कारण है। इसके अलावा, हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी की समयसीमा पर कोई स्पष्टता नहीं है। सेना की एविएशन कोर ने मार्च 2024 में जोधपुर के नागतलाओ में अपना पहला अपाचे स्क्वाड्रन बनाया। पायलट और ग्राउंड स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। वे अपाचे हेलीकॉप्टरों के उड़ान संचालन के लिए तैयार हैं, लेकिन वे अनिश्चितता में हैं क्योंकि सेना को खुद अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी की समयसीमा के बारे में पता नहीं है। अपाचे अऌ-64ए हमलावर हेलीकॉप्टर पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना के महत्वपूर्ण अभियानों का समर्थन कर सकते हैं। ये उन्नत हेलीकॉप्टर अपनी चपलता, मारक क्षमता और उन्नत लक्ष्यीकरण प्रणालियों के लिए जाने जाते हैं। अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ता टैंक भी कहा जाता है। भारतीय वायुसेना ने 2015 में हस्ताक्षरित एक अलग सौदे के तहत 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को पहले ही शामिल कर लिया है, जबकि सेना अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इन उन्नत हमलावर हेलीकॉप्टरों का इंतजार कर रही है।

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