बांग्लादेश हिंसा के बीच 17 साल बाद तारिक रहमान की वतन वापसी, BNP के बड़े नेताओं ने किया स्वागत, जानें क्या है वतन वापसी के मायने?
हिंसा के बीच BNP का शक्ति प्रदर्शन
बीएनपी (BNP) नेता तारिक रहमान 17 साल के निर्वासन के बाद गुरुवार को स्वदेश लौटे, जहाँ समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। उनकी वापसी ऐसे समय हुई है जब ढाका में बम विस्फोट और विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ से तनाव व्याप्त है।
ढाका। बांग्लादेश में एक ओर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है और दूसरी तरफ करीब 17 साल बाद तारिक रहमान की वतन वापसी हुई हैं, जिससे उनके समर्थकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। जानकारी के अनुसार, तारिफ रहमान पिछले 17 सालों से लंदन में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। आज उनकी साथ उनकी पत्नी जुबेदा रहमान और बेटी जाईमा रहमान भी अपने वतन वापस लौट आई है।
इस मौके पर ढ़ाका की सड़कों पर उनके समर्थक भारी मात्रा में मौजूद थे और जैसे ही रहमान वहां पहुंचे तो उन्होंने उनका जोरदार स्वागत किया। सूत्रों के अनुसार, इस मौके पर BNP के सेक्रेटरी जनरल मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद समेत दूसरे नेता मौजूद रहे। इन सबके अलावा तारिफ रहमान का एयरपोर्ट पर स्वागत करने के लिए उनकी सास और साली भी मौजूद थी।
तारिफ रहमान की वापसी ऐसे हालातों में हुई है जबकि पूरा बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है और उनका संसदीय चुनाव से पहले आना बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा संकेत दे रहा है। संसदीय चुनाव से पहले अमेरिका की एक संस्था का सर्वे सामने आ रहा है जिसमें इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि बीएनपी को इस चुनाव में पहले से ज्यादा सीटें मिल सकती है, क्योंकि शेख हसीना की पार्टी पर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई है।
इससे पहले बुधवार को बांग्लादेश की राजधानी ढ़ाका में देर रात एक विस्फोट हुआ जिसमें एक युवकी के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में फिर से हिंसा भड़क उठी है और भड़के लोगों ने ढाका यूनिवर्सिटी में जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने यूनिवर्सिटी में धार्मिक नारे लगाए और काजी नजरूल इस्लाम की कविताएं भी पढ़ी साथ अल्लाहु अकबर के नारे भी लगाए। फिलहाल, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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